जिंदगी में जुनून जो रखते हैं वहीं सफल होते हैं और खासतौर से जो सफल हो कर जमीन से जुड़े होते हैं वहीं आईएएस रवि जैन होते हैं। पथरीले पथ के पथिक रवि जैन जब कर्म रथ पर आरूढ़ होते हैं तो दिव्य हो जाते हैं हालांकि इनके विषय में सामान्य जानकारी बहुत ही मुश्किल से मिल पाई क्योंकि स्वयं को तमाम सोशल साइट्स से दूर रख कर अपनी धून मे केवल अपने काम के प्रति समर्पित रहते हैं। हालांकि इनकी गायकी के लिए कहा जाता है कि ये बहुत सुन्दर गायक हैं और जुनूनी इतने कि खाए बिना रह जाए पर गाए बिना ना रह पाए और आज भी खेलते हैं तो बच्चो सी चपलता दिखाई देती है और किसी भी क्षेत्र में इनसे विचार विमर्श किया जाए हर क्षेत्र की गहन जानकारी इन्हे अद्भुत अप्रतिम व्यक्तित्व का धनी बनाती है। मूल रूप से पाली जिले में सोजत नामक कस्बे के वासी श्रीमान धनपत राज सा मुणोत एवं श्रीमति कृष्णा मुणोत जी के लाडले का जन्म 2 जुलाई 1974 को बीकानेर हुआ। माता पिता की दो संतान समर और रवि बालपन से ही कुशाग्र व्यक्तित्व के धनी रहे हैं जिनमें समर प्रारम्भिक काल से ही सीए की तरफ आकर्षण रखते थे तो रवि बाल्यकाल से ही संगीत और खेल मे डूबे रहना उनकी प्रवृत्ति रही पर दोनों ही बच्चो के व्यवहार में पिता की दृढ़ता और माता की कोमलता दिखाई देती थी। घर में अनुशासनात्मक वातावरण भी इनकी विशिष्ट पहचान बनाने में सहायक सिद्ध हुई। बहुआयामी प्रतिभा के धनी बहुत ही सहज सरल और मितभाषी व्यक्तित्व के धनी रवि ने बीकानेर युनिवर्सिटी से बी.टेक. सिविल किया तब तक आइएएस के प्रति कोई विशेष गंभीरता नही थी। फिर इन्होंने वहां से भी अपना रूझान एमबीए मार्केटिंग की तरफ किया। धीरे-धीरे मनस्थिति मे परिवर्तन हुआ और राजकीय सेवा की तरफ मानस बना और प्रारम्भिक प्रयास मे ही आरएएस की परीक्षा उत्तीर्ण की और सहायक निदेशक बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग पद पर ज्वाइन किया। वैवाहिक जीवन यात्रा की शुरुआत भी 25 नवंबर 2001 से जोधपुर की ही सौन चितेरी सोनल सुराणा के साथ प्रारंभ हुई गौरतलब है कि वे भी उत्कृष्ट चित्रकार हैं।
जुझारू व्यक्तित्व के धनी रवि जैन अपनी पारिवारिक जिम्मेदारी और राजकीय सेवा के साथ ही आइएएस की परीक्षा भी देते रहे और चौथे प्रयास में आईएएस की परीक्षा 35 वी रैंक के साथ पास की।
शिद्दत के साथ की गई मेहनत रंग लाती है और अवसर मिला उन्हे श्री लाल बहादुर शास्त्री लोक प्रशिक्षण संस्थान मसूरी में 6 सितंबर 2004 से 3 जून 2005 तक प्रशिक्षण का और उसके पश्चात हरीश चंद्र माथुर लोक प्रशिक्षण संस्थान जयपुर में दिनांक 16 जून 2005 से 16 जुलाई 2005 तक प्रशिक्षण प्राप्त करते रहे। प्रशिक्षण उपरांत उन्हें सहायक कलेक्टर एवं कार्यकारी मजिस्ट्रेट (प्रशिक्षु मजिस्ट्रेट) कोटा में दिनांक 18 जुलाई 2005 से दिनांक 9 जून 2006 तक पद स्थापित रहे पुनश्च लाल बहादुर शास्त्री प्रशिक्षण संस्थान मसूरी में दिनांक 12 जून 2006 से 21 जुलाई 2006 तक प्रशिक्षण प्राप्त किया उसके पश्चात दिनांक 1 अगस्त 2006 से 4 अगस्त 2006 तक आदेशों की प्रतीक्षा अवधि में रहे। 10 अगस्त 2006 से 8फरवरी फरवरी 2008 तक उपखंड मजिस्ट्रेट निंबाहेड़ा चित्तौड़गढ़ मे पद स्थापित रहे। एक कार्यकुशल प्रशासनिक अधिकारी की पहचान तब तक राजस्थान मे दिखने लगी थी।
इसके पश्चात कार्मिक विभाग (A_1) मे राज्य सरकार के उप सचिव के रूप में दिनांक 11 फरवरी 2008 से 24 मई 2008 तक पद स्थापित रहे। कुशल व्यवहार और सहज मिलनसारिता ने इन्हे धीरे-धीरे अपने साथियों मे लोकप्रिय कर दिया और इनकी ऊंचाइयों का ग्राफ निरंतर बढता ही रहा। इस क्रम में दिनांक 25 मई 2008 से 16 अप्रैल 2010 तक जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट बाड़मेर में पद स्थापित रहे और बाड़मेर में पर्यटन उद्योग और कला के विकास के प्रसंग में आइएएस रवि जैन आज भी बाड़मेर के चहेते माने जाते हैं। इसके बाद इनकी कार्यस्थली दिनांक 19 अप्रैल 2010 से दिनांक 6 जनवरी 2011 तक आयुक्त जोधपुर विकास प्राधिकरण रही जहां जोधपुर को एक सुंदर नगर के रूप में स्थापित करने के लिए जी जान से जूट गए। हर कार्य में इनकी तन्मयता इन्हे निरंतर कर्मपथ पर नया अवसर देने लगी और दिनांक 7 जनवरी 2011 से 25 फरवरी 2014 तक जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट के रूप में चित्तौड़गढ़ पदस्थापित हुए और बेस्ट कलक्टर का अवार्ड भी इन्हे मिला। गांव गांव ढाणी आज भी रवि जैन से इस कदर जुड़े हुए हैं जिसमें आज भी गावों से दूर तलक मिलने वालो की तादाद रहती है। गांवों को सुविधाजनक बनाने के लिए रवि जैन ने अनुठी मिशाल कायम की और यहां इनके पशु पक्षियों से प्रेम का साकार रूप मिला।
चित्तौड़गढ़ कलेक्टर के लोकप्रिय पद के बाद दिनांक 5 मार्च 2014 से दिनांक 30 अक्टूबर 2014 तक निदेशक प्रारंभिक शिक्षा बीकानेर में पद स्थापित रहे। दिनांक 30 अक्टूबर 2014 से दिनांक 19 जून 2016 तक जिला कलेक्टर जिला मजिस्ट्रेट भरतपुर में पद स्थापित रहे। भरतपुर में जीव मात्र के लिए संवेदनशील रवि जैन का व्यक्तित्व उभर कर आया और इन्होने अपनी तरफ से मुक पशुओं की सुरक्षा की मुहिम में सहयोग दिया। 20 जून 2016 से 2 जनवरी 2017 तक निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग व उपसचिव राजस्थान सरकार जयपुर में पदस्थापित रहे तब भी सामाजिक योजनाओं की जानकारी और प्रचार प्रसार के लिए निरंतर जुड़े हुए रहे। पहले वाले कर्म क्षेत्र के लोगों को भूले नहीं और नए कारवां को भी जोड़ते रहे।
6 मई 2017 के आदेश से आयुक्त नगर निगम जयपुर में पद स्थापित रहे इसी दरमियान दिनांक 19 मई 2017 के आदेश से मुख्य कार्यकारी अधिकारी जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड जयपुर मेंअतिरिक्त कार्यभार के रूप में सेवा प्रदान की। जयपुर एक आदर्श जयपुर बने इसके लिए हर दबाव को प्रेरक मानते हुए रवि जैन कर्मपथ पर अग्रसर रहे। 19 जुलाई 2018 के आदेश से निदेशक कृषि विभाग राजस्थान जयपुर में पदस्थापित रहे और सबसे बड़ा आश्चर्य यह था कि कृषि क्षेत्र की बारीकियों को भी ये समझते थे और हर एक छोटी सी योजना को समझना और आगे बढना इनकी कार्यशैली का हिस्सा रही। 25 जुलाई 2018 से 30 जुलाई 2018 तक आयुक्त स्कूल शिक्षा राजस्थान व स्कूल शिक्षा परिषद एवं राजस्थान सरकार के विशेष सचिव के रूप में पदस्थापित रहे। साथ ही गौरतलब है कि इनके पास साथ ही अन्य प्रासंगिक जिम्मेदारी भी रही।
1 दिसंबर 16 से दिसंबर 2018 तक निदेशक एवं विशेष सचिव राजस्थान सरकार निदेशालय निशक्तजन आयुक्त जयपुर में पद स्थापित रहे और यह पद शायद इनकी संवेदनशीलता से नजदीकी रखता था क्योंकि किसी भी दिव्यांग की समस्याओं के प्रति रवि जैन की उमड़ती हुई ममता इस बात को सिद्ध करती थी कि प्राणीमात्र के लिए स्नेहिल भाव का पर्याय रवि जैन है। 26 जुलाई 2018 दिनांक 25 दिसंबर 2018 तक निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क विभाग व विशेष सचिव राजस्थान सरकार सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय में पदस्थापित रहे तब भी सरकार की एक एक योजना को जनता तक पहुंचाने की कोशिश की। 25 दिसंबर 2018 दिनांक 10 फरवरी 2020 तक जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट के रूप में झुंझुनूं पद पदस्थापित रहे। सबसे कम और लोकप्रिय कार्यकाल जिसमें बस स्टैंड का स्थान परिवर्तन हो या कोर्ट परिसर की भीड़ का नियोजन बहुत ही सुंदर रूप से कार्य किया। लोकप्रियता का आलम यह था कि हर गली मुहल्ले नुक्कड़ का व्यक्ति अपने आप को रवि जैन से जुड़ा हुआ मानता था। यहां खेल और संगीत भी रवि जैन के दुसरे पहलू के रूप में इस कदर उभरे कि आधा झुंझुनूं गायक और आधा झुंझुनूं खिलाड़ियों मे स्वयं का परिचय देने लगा। दिनांक 9 फरवरी 2020 के आदेश से सचिव एवं आयुक्त आयुक्त परिवहन विभाग राजस्थान सरकार जयपुर में पद स्थापित रहे। इस समय चित्तौड़गढ़ प्रभारी सचिव एवं आक्सीजन प्रभार और भी जाने कितने दायित्व ने रवि जैन को और भी ज्यादा जनप्रिय बना दिया। इस दौर में रवि जैन जब स्वयं कोविड से प्रभावित हुए तब राजस्थान के हर कोने कोने से प्रार्थना की गई शायद ये इनकी अनुठी दौलत थी जो स्वयं ने पथरीले पथ का पथिक बन कर कमाई थी। इस दौर में अंगदान योजना और परिवहन के मामलो का त्वरित निस्तारण हेतु फेसबुक लाइव प्रसारण और सोशल साइट्स का योजनाओं के प्रचार प्रसार हेतु शानदार प्रयोग किया।
सात अप्रैल 2021के आदेश से दिनांक 14 अप्रैल 2022 तक आयुक्त वाणिज्य कर विभाग जयपुर में पद स्थापित रहे और इस कार्यकाल सबसे सुंदर यह बात थी कि कर संग्रहण के नए प्रतिमान स्थापित किया। आनलाइन कर की जटिलता का सरलीकरण और ज्यादा से ज्यादा सरकार के प्रति व्यवहारियो का विश्वास उत्पन्न करना इस कार्यकाल की सबसे सुंदर भुमिका रही। 13 अप्रैल 2022 के आदेश से वर्तमान में आयुक्त जयपुर विकास प्राधिकरण जयपुर में अपनी सेवाएं प्रदान कर नये प्रतिमान स्थापित कर रहे हैं। जेडीए आयुक्त रवि जैन की अनुठी मुहिम में सबसे अनोखी मुहिम गांधी वाटिका का जीवंत दर्शन कुछ इस तरह स्थापित हो कि गांधी के जीवन दर्शन एवं मूल्यों का अनुभव कर सके, उन्हें आत्मसात कर सके और इसी तरह खिलाड़ियों की बात हो या पत्रकार कालोनी या सौंदर्यीकरण रवि जैन ने किसी भी क्षेत्र के महत्व को कम नही समझा।
मानववादी आयाम स्थापित करने के लिए प्रखर व्यक्तित्व है रवि जैन जो सरकार की अभिलाषा को जनता के बीच जीवंत करती है… भले ही कोई सी योजना हो… उसे मुकाम तक पहुचाने मे रवि जैन का कोई सानी नहीं। सोडाला एलिवेटेड रोड हो या झोटवाडा एलिवेटेड या सरकारी जमीनो को अतिक्रमण से मुक्त करवाना, अवैध निर्माण के खिलाफ मुस्तैदी से कार्यवाही और मौका मुआयना कर हर गतिविधि पर खुद से ही ध्यान रखना और हर आगंतुक की समस्या समाधान रवि जैन की कार्यशैली का हिस्सा है।
रवि जैन वो विराट व्यक्तित्व है जो हर जीव के प्रति संवेदनशील है और हर क्षेत्र में अपनी विशेष प्रतिभा रखता है और जो जीव मात्र के लिए सदैव ही प्रेममय है।
– डॉ भावना शर्मा, झुंझुनूं