एक अफसर दूसरे का रिकॉर्ड तोड़े और दोनों ही आईपीएएस हों, तो घटना रोमांचक कहलानी ही है। जिज्ञासा भी होती है, ऐसे बिरले अफसरों को जानें-समझें। उत्तराखण्ड के आईपीएस अरुण मोहन जोशी (IPS Arun Mohan Joshi) इन दिनों भरपूर चर्चा में हैं। वजह है उनका मात्र 40 साल में आईजी पुलिस बन जाना। हाल ही देशभर से आईएएस, आईपीएस अधिकारियों के प्रमोशंस की खूब खबरें आई हैं। नए साल पर मिली पदोन्नतियों से अफसरों में उत्साह का माहौल है, लेकिन उत्तराखण्ड की बात कुछ अलग है।
उत्तराखण्ड काडर के 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी अरुण मोहन जोशी (IPS Arun Mohan Joshi) मात्र 23 साल की उम्र में आईपीएस बन गए थे। हालांकि यह रिकॉर्ड बाद में कई युवाओं ने तोड़ दिया, लेकिन अरुण मोहन जोशी कहां पीछे रहने वाले थे, अब नए साल में प्रमोशन के बाद जोशी सबसे कम उम्र के आईजी बनकर रिकॉर्ड बनाने में सफल हुए हैं। इससे पहले 2004 बैच के आईपीएस गौरव राजपूत 2022 में मात्र 41 साल में सबसे कम उम्र के आईजी का रिकॉर्ड बनाने में सफल हुए थे।
कौन हैं IPS Arun Mohan Joshi?
उत्तराखड के जनजातीय क्षेत्र जोनसार बावर के चकराता में छोटे से गांव मुंधौल में जन्मे, देहरादून और हरिद्वार में पले बढ़े शुद्ध पहाड़ी हैं, आईपीएस अरुण मोहन जोशी। कुल पांच भाई बहनों में अरुण की तीन बहने हैं। अरुण के पिता ने ही पांचों भाई-बहनों की परवरिश की है। उनकी मां कम उम्र में ही परिवार का साथ छोड़ गईं। लेकिन अरुण की छोटी बहन ने मां जैसा ख्याल रखा, जिसको आज भी अरुण गर्व से मानते हंै। पिता हमेशा बच्चों के दोस्त बनकर रहे। अरुण मानते हैं कि ऐसे मौके आए, जब हार मान लेने और उम्मीदें छोड़ देने का मानस बन रहा था, लेकिन पिताजी आगे बढ़ाते रहे और डगमगाने नहीं दिया। अरुण मोहन जोशी ने दिल्ली रहकर आईआईटी की तैयारी की। तब उनके बड़े भाई खाना बनाते, अरुण की पढ़ाई का ध्यान रखते। पिता ने मोटीवेट किया और 2006 में आईआईटी पूरी करने के बाद यूपीएससी क्रैक करके आईपीएस बने।
कौन हैं IPS Gaurav Rajput?
भारतीय पुलिस सेवा के 2004 बैच के अधिकारी और अरुण मोहन जोशी के दो बैच सीनियर हैं आईपीएस गौरव राजपूत (IPS Gaurav Rajput )। गौरव राजपूत मध्यप्रदेश काडर के आईपीएस हैं और 2022 में मात्र 41 वर्ष की उम्र में आईपीएस बनने का रिकॉर्ड बना चुके हैं। 41 की उम्र में जब गौरव राजपूत आईजी बने थे, तो यह मुकाम पाने वाले वह देश के इकलौते अफसर थे। लेकिन अब गौरव का रिकॉर्ड अरुण मोहन जोशी ने तोड़ दिया है।
आईपीएस गौरव राजपूत (IPS Gaurav Rajput ) मूलत: मध्यप्रदेश के विदिशा के ही रहने वाले हैं। उनकी पढ़ाई भी विदिशा और भोपाल से हुई। भारतीय पुलिस सेवा में आने के बाद गौरव राजपूत अनूपपुर, मुरैना, देवास और कटनी जिलों में पुलिस अधीक्षक के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं। उनकी पहचान एक सख्त आईपीएस के अलावा नवाचारों के जरिए बदलाव की उम्मीद जगाने वाले अफसर के तौर पर भी होती है। डीआईजी महिला अपराध इंदौर, रतलाम डीआईजी, गृह विभाग में सचिव सरीखे पदों पर भी आईजी बनने से पहले गौरव राजपूत (IPS Gaurav Rajput ) सेवाओं का अनुभव ले चके थे।