देश की खोजपूर्ण पत्रकारिता में खास पहचान रखने वाले प्रवीण जाखड़ ने अपने पत्रकारिता जीवन की शुरुआत राजस्थान पत्रिका, जयपुर से की। शुरुआती दिनों से ही रविवारीय, बॉलीवुड, परिवार परिशिष्ट, चुनाव स्पेशल टीम, बजट स्पेशल टीम में अनुभव लिया। 2005 से पत्रिका के लिए लगातार स्पेशल कवरेज की। इसी दौरान खोजपूर्ण पत्रकारिता में कदम रखा और एक के बाद एक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के घोटालों का खुलासा किया।
वर्ष 2005 में नौ राष्ट्रीय स्तर के घोटालों का खुलासा करने के साथ ही देश की खोजपूर्ण पत्रकारिता में निरंतर योगदान दिया। 2006 में तेलगी के बाद देश के दूसरे सबसे बड़े स्टाम्प घोटाले का खुलासा किया। विश्वभर में सिगरेट तस्करी (दुनिया की सबसे बड़ी जांच एजेंसी एफबीआई के 54 अति गोपनीय दस्तावेजों का खुलासा किया), विश्व में हीरे की तस्करी, देश में वन्य जीवों की तस्करी, राजस्थान में फर्जी डॉक्टरों के रैकेट का खुलासा, महंगी बिजली की गोलमाल जैसे दर्जनभर बड़े घोटालों का खुलासा किया।
देश में पेट्रोल में मिलावट के रैकेट का खुलासा करने की वजह से प्रतिष्ठित झाबरमल्ल शर्मा पत्रकारिता पुरस्कार की सर्वश्रेष्ठ खोजपूर्ण रिपोर्ट श्रेणी में राज्य स्तर पर प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। पत्रकारिता में योगदान के लिए युवा रत्न अवॉर्ड, परम हितैषी अवॉर्ड, महाराजा सूरजमल आउटस्टैंडिंग टैलेंट ऑफ द इयर अवॉर्ड और श्रेष्ठ रिपोर्टिंग अवॉर्ड मिले।
प्रवीण ने पत्रिका की इयर बुक 2007 के सम्पादन मण्डल का सदस्य रहने के साथ-साथ केसीके इंटरनेशनल अवॉर्ड के लिए कॉर्डिनेटर यूएस व एशिया की जिम्मेदारी संभाली। खोजी पत्रकारिता में खास मुकाम हासिल करने वाले प्रवीण जाखड़ ने अपनी सक्रियता की वजह से ही नवम्बर 2009 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज करवाया। मई 2010 से पत्रिका स्पॉट लाइट (स्पेशल टीम) के इंचार्ज रहे। वर्ष 2011 में प्रतिष्ठित आर.ए. पोद्दार इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए (एग्जीक्यूटिव) कोर्स पूरा किया और राजस्थान पत्रिका के वरिष्ठ उप-सम्पादक पद से इस्तीफा देकर एंटरप्रेन्योरशिप में कदम बढ़ा दिए।
मीडिया में अहम योगदान के साथ ही देश-विदेश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में विद्यार्थियों को पत्रकारिता में भविष्य और 21वीं सदी में पत्रकारिता में आ रहे बदलावों के संबंध में मार्गदर्शन किया। इन संस्थानों में विशेष रूप से अमेरिका से ताल्लुक रखने वाले अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन स्टडीज भी शामिल है, जिसके तहत ब्रिटेन, रूस, अफगानिस्तान सहित करीब दर्जनभर देशों के विद्यार्थियों को भारत में हिन्दी पत्रकारिता, उदभव और विकास सहित पत्रकारिता में नव प्रयोग जैसे विषयों पर मार्गदर्शन किया। फिलहाल ब्यूरोक्रेसी आधारित देश की पहली हिन्दी मैग्जीन ऑफिसर्स टाइम्स व चर्चित राजनीतिक पोर्टल Vidhayak.com के सम्पादक हैं।