राजस्थान सरकार ने देर शाम आरएएस अधिकारी संदीप चौधरी (RAS Sandeep Choudhary) को निलंबित कर दिया है। संदीप चौधरी फिलहाल उपखण्ड अधिकारी, तारानगर के पद पर सेवाएं दे रहे थे। सरकार ने संदीप को लेकर जारी आदेश में राजस्थान सिविल सेवाएं (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1958 के नियम-13 का उल्लेख किया है। साथ ही संदीप को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए निलंबन अवधि में मुख्यालय प्रमुख शासन सचिव, कार्मिक विभाग, शासन सचिवालय में रिपोर्ट करने को कहा है।
संदीप चौधरी के निलंबन के पीछे दो थ्योरी सामने आ रही हैं। पहली जो मजबूत है वह राजनीतिक बताई जा रही है। गौरतलब है कि तारानगर से राजेन्द्र राठौड़ ने भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था और हार गए थे। अब जैसे ही सरकार में तबादलों की बारी आई, तो संदीप चौधरी सबसे पहले हाशिए पर लिए गए हैं। माना जा रहा है कि तारानगर में चुनाव तो खत्म हो गए, लेकिन चौसर जारी है। दूसरी थ्योरी के तौर पर बताया जा रहा है कि संदीप चौधरी के निलंबन के साथ ही सरकार ने यह मैसेज भी देने की कोशिश की है कि हम किसी भी लापरवाही में जीरो टोलरेंस की नीति पर काम करेंगे, क्योंकि संदीप के निलंबन के पीछे कारण प्रशासनिक लापरवाही बताई गई है। इस दूसरी थ्योरी और निलंबन के मसले में विवादित जमीन मामले को आधार बनाया गया है।
अब देखना यह होगा कि संदीप पॉलिटिकल हंट का शिकार हुए हैं या सरकार का प्रशासनिक लापरवाही का तर्क मजबूत और सक्षम साबित होगा।