जयपुर। तूलिका के रंगों का समागम जब कैनवास अपना जादू बिखेरता है, तो चित्र बोल उठते हैं। ऐसा ही समागम आज जवाहर कला केन्द्र की अलंकार गैलरी में देखने को मिला। शहर की जानी-मानी आर्टिस्ट सुषमा महाजन की सोलो एग्जीबिशन वाइब्रेंट ह्यूज के आगाज के साथ ही कला क्षेत्र के दिग्गजों और दर्शकों ने डॉ. सुषमा की रचनाओं की जमकर सराहना की। इस एग्जीबिशन में देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा, जयपुर पुलिस कमिशनर बीजू जॉर्ज जोसफ, देश की जानी-मानी इतिहासकार एवं क्यूरेटर डॉ. अलका पाण्डे, फिल्म सेंसर बोर्ड के सदस्य, फिल्म एक्टर एवं निर्देशक अशोक बांठिया, पूर्व मुख्य सचिव सलाउद्दीन अहमद, पूर्व राज्य सूचना आयुक्त ए.के. पाण्डेय ने भी सहित कला प्रेमियों ने शिरकत की।
वाइब्रेंट ह्यूज शीर्षक से आयोजित की गई इस खास एग्जीबिशन में देश-विदेश की, जंगल और जीवों की, घोडे को दौड़ाते काउबॉय से एंटीक कारों की एक खास श्रृंखला पेश की गई है, जो देखते ही देखते मन मोह लेती है। डॉ. सुषमा महाजन की कूंची का जादू देखने वाले यहां स्तब्ध थे कि मात्र चार सालों के इस रंगों के सफर में देशकों सा अनुभव समाया हुआ है। डॉ. सुषमा महाजन जयपुर की मशहूर रेडियोलॉजिस्ट हैं और उनमें रंगों के साथ-साथ अपने भीतर के कलाकार को तराशने का जुनून है। इस रंगों की जादूगरी वाली एग्जीबिशन में डॉ. महाजन की कलाकृतियों का अवलोकन करते हुए पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि वे अभिभूत है ऐसी कला को निहार कर। उन्होंने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में होते हुए भी वॉटर कलर्स की ऐसी कलाकृतियाँ जो कि संवेदनाओं के दार्शनिक चिंतन को दशार्ती हुई है, अलौकिक हैं।
जीवन की सुगंधों से भरपूर हैं डॉ. सुषमा की पेटिंग्स
इस अवसर पर मौजूद जयपुर पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसेफ ने कलाकृतियों को निहारते हुए कहा कि ऐसी जीवंत कलाकृति निश्चित तौर पर जीवन में रंगों के संतुलन के साथ आंतरिक स्थायित्व एवं अनुशासन को दशार्ती हैं। एग्जीबिशन में संस्कृति कर्मी, कवि एवं कला समीक्षक डॉ. राजेश कुमार व्यास ने प्रदर्शनी की समीक्षा करते हुए कहा कि डॉ. सुषमा की कलाकृतियाँ प्रकृति और जीवन में घुली उत्सवधर्मिता का गान है। भांत-भांत के रंग प्रवाह में यहां जीवन की सुगंध है। उन्होंने कहा कि हर कलाकृति हमारे भीतर की संवेदना को और सघन करती नया कुछ रचने को प्रेरित करती है।
वॉटर कलर्स से सुषमा का जादू और कलात्मकता हो रही बयां
प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर फिल्म सेंसर बोर्ड के सदस्य, फिल्म एक्टर एवं निर्देशक अशोक बांठिया ने कलाकृतियों से अभिभूत होकर कहा कि रंगों का ऐसा संयोजन प्रदर्शनी के नाम वाइब्रेंट ह्यूज को साकार करता हुआ नजर आ रहा है। उल्लेखनीय है कि प्रदर्शनी में प्राकृतिक एवं मानव रचित विविधताओं को शामिल किया गया है। डॉ. सुषमा की 54 कलाकृतियों में बहुत सारे श्वान, घोड़े, हाथी, खरगोश और गिलहरियाँ ऐसे अठखेलियां करते दिखाई देती हैं जैसे की मानों वह पेंटिंग नहीं सजीव हों। उन्होंने वनस्पतियों और वास्तुकला के साथ कलात्मक ढंग से रंगों के साथ एक खूबसूरत रूप देने का भी बेहतरीन प्रयास किया है। दिलचस्प यह भी है कि भारतीय संस्कृति के साथ विदेशी विविधता को दशार्ती वॉटर कलर्स के जरिये बहुत गहराई के साथ तैयार की गयी हैं। कलाकृतियों में शहरों की स्थापत्य कला में 3डी परिदृश्य भी देखने को मिलते हैं। पेंटिंग्स खास तौर पर डॉ. सुषमा महाजन की कला के प्रति समर्पण एवं भावनाओं को दशार्ती हैं।
तनावपूर्ण जीवन को सकारात्मक रुख देती है कला
डॉ. सुषमा महाजन के अनुसार कला बहुत विविध और बहु-विषयक क्षेत्र है। कला को पारंपरिक सीमाओं तक सीमित नहीं कर सकते। कला का मतलब स्थापित सीमाओं को पार करना है। एक कलाकार को नए क्षेत्रों में कदम रखने में कभी संकोच नहीं करना चाहिए! एक कलाकार कला के माध्यम से, विचारों के माध्यम से तथा रंगों के माध्यम से एक नयी दुनिया की रचना करता है। ऐसे में तनावपूर्ण जीवन के साथ सामंजस्य स्थापित कर जीवन को सकारात्मक रूप देना काफी आसान हो जाता है.
सकारात्मकता का संदेश लिए देशभर में डॉ. सुषमा महाजन की आर्ट चर्चित
डॉ. सुषमा महाजन कहती हैं कि पेंटिंग उनके जीवन का वो अहम हिस्सा है जिसे वे अपने जीवन में सकारात्मकता का सबसे बड़ा जरिया समझती हैं। डॉ. महाजन अब तक राजधानी दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में अपने पेंटिंग्स की सोलो प्रदर्शनी लगा चुकी हैं। डॉ. सुषमा गत वर्ष अप्रैल के पहले सप्ताह में विजुअल आर्ट्स गैलरी, इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली क्यूरियस चार्म्स प्रदर्शित की गयी थी। जिसके जरिये देश भर में डॉ. सुषमा महाजन को कला जगत में एक विशेष पहचान हासिल हुई यह प्रदर्शनी मशहूर इतिहासकार एवं क्यूरेटर डॉ. अलका पांडे द्वारा क्यूरेटेड थी। इसके बाद गत वर्ष अगस्त माह में डॉ अलका पांडे द्वारा क्यूरेटेड एक सोलो प्रदर्शनी द ब्यूटीफुल वर्ल्ड प्रदर्शनी विजुअल आर्ट्स गैलरी, इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में प्रदर्शित की गयी। चार अन्य प्रदर्शनियां राजस्थान में आयोजित की जा चुकी हैं।
इस सातवीं प्रदर्शनी के उद्घाटन के मौके पर प्रख्यात चित्रकार विद्यासागर उपाध्याय, पत्रकार एवं समीक्षक विनोद भारद्वाज, एवं ललित कला अकादमी के रजनीश हर्ष, कैलाश चंद शर्मा, नाथूलाल वर्मा, मनीष शर्मा, विनय त्रिवेदी सहित शहर की कला जगत की नामचीन हस्तियों ने भी शिरकत की। बड़ी संख्या में कला प्रेमियों, विद्यार्थियों तथा आम लोगों ने चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन किया। अलंकार दीर्घा में यह प्रदर्शनी मंगलवार शाम 7 बजे तक खुली है।