जयपुर/मुंबई। इंटरनेट पर बढ़ते फ्रॉड के मामलों ने ग्राहकों को घेर कर रख दिया है। छोटी-बड़ी कंपनियों के नाम पर या तो बाजार में ठग, लोगों को लूटने के रास्ते निकाल रहे हैं, या फिर कंपनियों के ही वेंडर्स कंपनी की SOP को दरकिनार कर फ्रॉड को अंजाम दे रहे हैं। ऐसा ही एक मामला आज जयपुर के प्रताप नगर इलाके में पकड़ में आया। अमेजन डिलीवरी बॉय यहां पैकेज डिलीवर करते समय गुपचुप ग्राहक की तस्वीर खींचते पकड़ा गया। जब मामले की तत्काल पड़ताल की गई, तो दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन कंपनियों में से एक अमेजन ने इसके लिए माफी मांगी और इस फ्रॉड को लेकर जांच करने का आश्वासन दिया।
कैसे पकड़ा फ्रॉड? आपके परिवार के लिए है घातक
जयपुर के इस मामले में Officers Times के संपादक को शिकार बनाने की कोशिश की गई। अमेजन की एप्प पर किए ऑर्डर की डिलीवरी करने आया डिलीवरी बॉय (मुकेश मीणा) पार्सल सौंपने के बाद चुपके से फोटो खींच रहा था। इस कृत्य के लिए उसे टोका गया, तो सकपका गया। संदेह होने पर उसको बिठा लिया गया और उसके फोन की तलाशी ली गई। तब जाकर पूरा मामला खुला। अमेजन डिलीवरी बॉय के फोन में सैंकड़ों की तादाद में ऑर्डर करने वाले लोगों और उनके परिवार वालों की तस्वीरें थी। उससे पैकेज डिलीवरी के दौरान किसी परिवार या परिवार वालों की तस्वीरें चुपके से खींचने की पेचीदगियों पर बात की तो हाथ-पांव फूल गए।
डिलीवरी बॉय मुकेश मीणा को इस संबंध में पूछा गया, तो उसने दो दिन पहले सीनियर्स से मिले निर्देश के अनुसार काम करने की बात कही। उसके मुताबिक हमें डिलीवरी बॉयज की टीम के वॉट्सअप ग्रुप में निर्देश दिए गए थे कि जिसे भी पार्सल डिलीवर करें, उसकी तस्वीर लें। हम तो आदेशों की पालना कर रहे हैं। इस पॉइंट पर अमेजन के वेंडर्स और डिलीवरी बॉय के सीनियर्स से बातचीत की गई, तो बहानेबाजी करने लगे। मामला उलझता देख डिलीवरी बॉय के सीनियर्स ने कन्नी काट ली और कोई जवाब नहीं दे पाए। इस संबंध में पुलिस कार्रवाई की बात कही गई और अमेजन कॉल सेंटर के जरिए लीगल डिपार्टमेंट में बात करवाने पर अमेजन ने तत्काल ई-मेल के जरिए माफी मांगी और इस संबंध में जांच करवाने की बात कही। अमेजन का ई-मेल आने के बाद डिलीवरी बॉय का फोन कंपनी डेटा रीसेट किया गया और फिर उसे छोड़ा गया।
Amazon वेंडर्स कैसे उड़ा रहे प्राइवेसी प्रोटेक्शन एक्ट की धज्जियां?
भारतवर्ष में डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट 2023 (THE DIGITAL PERSONAL DATA PROTECTION ACT, 2023) लागू है। इस एक्ट को लेकर 11 अगस्त, 2023 को कानून मंत्रालय की ओर से गजट नोटिफिकेशन (गजट : CG-DL-E-12082023-248045) भी जारी किया जा चुका है। भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से इस एक्ट के गजट को प्रसारित करते हुए देश की जनता को सूचित भी किया जा चुका है। डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट 2023 नागरिकों की जानकारी के कलेक्शन, स्टोरेज और प्रोसेसिंग करने पर इंटरनेट कंपनियों, मोबाल ऐप और निजी कंपनियों तथा सरकारी एजेंसियों की जवाबदेही तय करता है। सरकारी एजेंसियों को भी विशेष परिस्थितियों जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा और आपातकाल की स्थिति जैसे आतंकवाद, महामारी, प्राकृतिक आपदाएं आदि में छूट का प्रावधान है।
डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट 2023 के अनुसार अगर कोई कानून तोड़ता है, तो संबंधित व्यक्ति अदालत जा सकता है और अपने डेटा कलेक्शन, स्टोरेज और प्रोसेसिंग के बारे में डिटेल मांग सकता है। अगर कोई प्लेटफॉर्म किसी व्यक्ति का पर्सनल डेटा जमा करता है, तो उसे पहले संबंधित व्यक्ति या संस्थान से अनुमति लेना जरूरी है साथ ही डेटा क्यों स्टोर किया जा रहा है इसका पर्याप्त कारण बताना जरूरी है।
Amazon कंपनी के डिलीवरी बॉय द्वारा कारित इस कृत्य को लेकर जब कंपनी से SOP की डिमांड की गई, तो उन्होंने अपनी गलती स्वीकार करते हुए लिखित में इस कृत्य को गलत बताते हुए माफी मांगी और जांच का आश्वासन दिया। लेकिन मसला यह है कि अगर बीते दो दिनों में जयपुर में लाखों की संख्या में पार्सल डिलीवर किए गए होंगे, तो लाखों ग्राहकों और उनके परिवार वालों की गुपचुप खींची गई तस्वीरें वेंडर्स तक पहुंची हैं। उन्हें डिलीवरी बॉयज के ग्रुप्स में भी शेयर किया गया है। ऐसे में इन फोटोज का डीप फेक, पॉर्न कंटेंट, फर्जी फेसबुक आईडी या अन्य फर्जी सोशल मीडिया पर इस्तेमाल किया जाता है, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट 2023 जैसे कानूनों के मायने ही खत्म हो जाएंगे, जहां ऐसे कृत्यों को अमेजन जैसी कंपनियां अंजाम देने लगें। साथ ही पढ़े-लिखे या जागरुक ग्राहक अमेजन के सिस्टम की ऐसी खामियों को पकडऩे का प्रयास कर सकते हैं, लेकिन लाखों की तादाद में ऑडर्स कर रहे लोगों में से जिन्हें इस फ्रॉड का अंदाजा तक नहीं है, कहीं न कहीं शिकार हो रहे हैं।