नई दिल्ली। भारतीय नौसेना की अवॉर्ड सेरेमनी में आईएनएस शिक्रा (पश्चिमी नौसेना कमान) में बतौर चीफ हॉस्ट इंजीनियरिंग आर्टिफिशर के पद पर सेवाएं दे रहे अधिकारी राम रतन जाट को सम्मानित किया गया। राम रतन जाट को प्रतिष्ठित मैकग्रेगर मेमोरियर मेडल से सम्मानित किया गया। चीफ एचईएए राम रतन जाट को 2024 में हेल अल्ट्रा रेस में दूसरा स्थान प्राप्त करने पर सम्मानित किया गया है। यह रेस दुनिया की सबसे कठिन उच्च ऊंचाई वाली दौड़ मानी जाती है, जिसका आयोजन ग्रेट हिमालयन रनिंग फेस्टिवल के तहत आयोजित की जाती है।
मैकग्रेगर मेमोरियल मेडल का बड़ा है महत्त्व
मैकग्रेगर मेमोरियर मेडल भारतीय सशस्त्र बलों के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार है, जो सैन्य टोही, अन्वेषण, सर्वेक्षण और अन्य राष्ट्रीय महत्त्व की साहसिक गतिविधियों में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया जाता है। इस मेडल की स्थापना 1888 में मेजन जनरल सर चार्ल्स मेटकॉफ मैकग्रेगर की समृति में की गई थी, जो युनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया के संस्थापक थे। इस मेडल से जुडे औपचारिक मानदंड 3 जुलाई, 1888 को शिमला में आयोजित एक बैठक में तय किए गए थे, जिसमें कमांडर-इन-चीफ जनरल सर एफएस रॉबर्ट्स और वायसराय अर्ल ऑफ डफरिन उपस्थित थे। शुरू में यह मेडल भारत के सुदूर क्षेत्रों या पड़ोसी देशों में सैन्य टोही, अन्वेषण या सर्वेक्षण के लिए दिया जाता था, जो भारत की रक्षा के लिए मूल्यवान जानकारी प्रदान करता हो। यह ब्रिटिश राज के दौरान द ग्रेट गेम का प्रतीक बन गया, जिसमें भारत और रूस के बीच मध्य एशिया में रणनीतिक प्रतिस्पर्धा थी।

अब तक 127 अधिकारियों को ही मिला प्रतिष्ठित मैकग्रेगर मेमोरियर मेडल
वर्ष 1888 से अब तक प्रतिष्ठित मैकग्रेगर मेमोरियर मेडल केवल 127 अधिकारियों को दिए गए हैं, जिनमें 103 स्वतंत्रता से पहले और 24 स्वतंत्रता के बाद। इनमें 7 गोल्ड मेडल ऑफिसर्स को, 67 सिल्वर मेडल ऑफिसर्स और जेसीओ को तथा 48 छोटे सिल्वर मेडल अन्य रैंकों को दिए गए हैं। हेल अल्ट्रा रेस जिसमें दूसरा स्थान हासिल करने के लिए नौसेना अधिकारी राम रतन जाट को मैकग्रेगर मेमोरियर मेडल दिया गया है यह हिमालय में आयोजित होने वाली विश्व की सबसे कठिन दौड़ों में से एक है। इसमें 210 किलोमीटर की दूरी को 4200 मीटर की औसत ऊंचाई पर 40 घंटे में पूरा करना होता है। नौसेना अधिकारी राम रतन जाट की इस उपलब्धि को नौसेना और भारतीय सशस्त्र बलों का गौरव बढ़ाना और साहसिक कार्य माना गया है।