डीजीपी उमेश मिश्रा ने की आईपीएस विकास कुमार टीम की हौसला अफजाई, आईपीएस विकास कुमार ने जाहिर किए मन के भाव
गुमनामी की धूल में लिपटे इन गुदड़ी के लालों को जब अपनी टीम में शामिल कर एक वृहद् बहुद्देशीय महत्वाकांक्षी अभियान पर निकला तब सहकर्मियों के होठों पर विद्रूप भरी स्मित थी – ‘कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा …भानुमति ने कुनबा जोड़ा’ …तब स्वयं को भी किंचित भान नहीं था कि अंधे के हाथ बटेर लग गयी है… न तो मैं जौहरी हूँ… न ही मैंने इन रत्नों को तराशा …पर इन अनमोल हीरों की चकाचौंध करती रौशनी से आज विभाग का छविपटल जगमग हो रहा……
स्वयं ही कीर्तिमान स्थापित करते और फिर स्वयं ही उनको ध्वस्त कर नित नयी मील-शिलायें गढ़ते ….अनवरत आगे बढ़ते …इतिहास के पन्नों में नूतन स्वर्णिम इबारत उकेरते….. इन रणबांकुरों की प्रतिष्ठा में चन्द पंक्तियाँ समर्पित करने का प्रयास करता हूँ…
वैसे रेसकोर्स के घोड़ों को तो फिर भी एड़ लगानी पड़ती है ….लगाम संभालनी पड़ती है …..पर इन विजयारोही अश्वों की दुलकी चाल को सरपट दौड़ में परिवर्तित कर सकने को महकमे के सेनानायक की प्यार भरी एक थपकी ही पर्याप्त रही ……आस को विश्वास… और विश्वास को शाबाश में बदलने के शऊर के ताबीज़ की मेखला प्रतिमानों की श्रृंखला स्थापित करती रही …और राजस्थान पुलिस की गौरव-गाथाओ में नए आयाम जुड़ते गए …..बाहुबल के दुरूपयोग पर प्रभावी अंकुश के उपरान्त धनबल के कुप्रभाव से चुनाव की प्रक्रिया को बाधित-प्रभावित कर सकने की प्रत्येक कुचेष्टा की जड़ में ही तेज़ाब डालकर सिरे से ही नेस्तनाबूत करते इन रणदुर्मद योद्धाओं की शान में समर्पित…
रणवीर धुरंधर घोड़े हैं
संख्या में चाहे थोड़े हैं
इतिहास की गौरवगाथा में
स्वर्णिम कई पन्ने जोड़े हैं
आतप- पावक से होड़ लिया
हर झंझा का मुख मोड़ दिया
विघ्नों ने चुनौती जब भी दी
तब प्रत्युत्तर मुंहतोड़ दिया
प्रतिमान की लडिय़ाँ जोड़ चले
पग चिन्ह धरा पर छोड़ चले
जयपथ की मील-शिलाओं का
मदभावी विषघट फोड़ चले
अद्भुत मेधा के स्वामी हो
रणभू में यश के कामी हो
संकल्प मनोरथ के बल पर
उत्तुंग शिखर पथ गामी हो
सर्व कार्यसिद्धि सोपान चढ़ें
नित नवजय का आयाम गढ़ें
हर दिशा में कीर्ति पताका हो
जिस ओर तुम्हारे कदम बढ़ें
तुम राजपुलिस का सम्बल हो
उद्यम शक्ति का प्रतिफल हो
पौरुष से तुम्हारे रक्षित हो
पुष्पित आने वाला कल हो
यशोगान प्रणेता प्रतिपल हो
जयगूंजमय सब जलथल हो
प्रत्येक समस्या का हल हो
हो राजपुलिस तुम सम्बल हो
– विकास कुमार, IPS (राजस्थान)