जयपुर। पुलिस मुख्यालय के सभागार शासन सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग डॉ समित शर्मा ( IAS Dr Samit Sharma ) द्वारा सामाजिक क्षेत्र में डिजिटल क्रांति के युग की शुरुआत विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। इस मौके पर पुलिस पुलिस के लिए किए जाने वाले नवाचारों पर भी चर्चा की गई।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव समित शर्मा द्वारा ई-गवर्नेंस का उपयोग करके आमजन को लाभ पहुंचाने के लिए अपनाए गए तरीकों के बारे में बताया गया। डॉ समित शर्मा ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि भारत देश डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन के युग में प्रवेश कर चुका है और आधार नंबर, मोबाइल क्रांति, यूनिक बैंक अकाउंट, ई रूपी, डिजिलॉकर, इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर सिस्टम, आदि अनेक डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है जो की ओपन एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस पर कार्य करते हैं। यह अनुकूल डिजिटल इकोसिस्टम हमें लाखों करोड़ों लोगों तक राजकीय योजनाओं का लाभ पहुंचाने हेतु उचित प्लेटफार्म उपलब्ध करवाता है। इसमें करोड़ों भारतीयों के वर्तमान को बेहतर और भविष्य को सुनहरा बनाने की संभावना छिपी है। आवश्यकता है पंक्ति के अंतिम छोर पर खड़े उस व्यक्ति तक इसे ले जाने की और तकनीक इसका सशक्त माध्यम हो सकती है।
डॉ. समित शर्मा ने कहा कि डिजिटिलाइजेशन के इस युग में सामाजिक सुरक्षा एवं समाज कल्याण के क्षेत्र में किस प्रकार सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग सुशासन हेतु किया जा सकता है, यह इस पुस्तक में 30 विभिन्न नवाचारों के माध्यम से दर्शाया गया है। उन्होंने बताया कि लाभार्थियों तक लोक सेवाओं की पहुंच को सुनिश्चित करने, प्रकिया सरल बनाने, बाधा मुक्त वातावरण में, भ्रष्टाचार रहित तरीके से गुणवत्तापूर्ण एवं संतोषजनक सेवाएं तत्काल उपलब्ध कराने हेतु विभिन्न सफल तकनीकों का उल्लेख इस पुस्तक में किया गया है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फेस रिकॉग्निशन टेक्निक, मेटा डेटा बेस्ड ऑटो अप्रूवल, चैट बॉट, डीप डेटा एनालिसिस, प्रिडिक्टिव एनालिटिक्स आदि से अनेक ऐसे राजकीय कार्य आज संभव है जो की कल्पना से भी परे हैं। शर्मा द्वारा पुलिस विभाग में भी इस प्रकार के आईटी नवाचार जैसे ट्रैफिक व्यवस्था में आर्टिफिशियल इंटेलिजेस का प्रयोग, स्मार्ट सिग्नल व्यवस्था को लागू करना, जेल विभाग में हॉस्टल मैनेजमेट सिस्टम जैसा सिस्टम लागू करना, ई-एफआईआर व्यवस्था को चैटबोट आदि प्रणाली द्वारा ओर अधिक सुगम बनाना व मेटाडेटा और फेशियल रिकॉग्नीशन के माध्यम से कानून व्यवस्था को और अधिक सुदृढ बनाने के बारे में विस्तार से बताया।
इस कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने डॉ. समित शर्मा को गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया । कार्यक्रम में राजीव शर्मा, पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था), अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण) व लगभग 50 अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।