शासन सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग डॉ. समित शर्मा (IAS Dr Samit Sharma) ने राज्यपाल कलराज मिश्र से शिष्टाचार भेंट कर ‘सामाजिक क्षेत्र में डिजिटल क्रांति’ (Digital Revolution) पर लिखित अपनी पुस्तक भेंट की। पुस्तक में ई-गवेर्नेंस का उपयोग कर आमजन के जीवन को आसान बनाने सम्बन्धी जानकारियों को सटीक और सरल भाषा में बताया गया है।
डॉ. समित शर्मा ( IAS Dr Samit Sharma ) द्वारा पुस्तक के सम्बन्ध में राज्यपाल कलराज मिश्र को अवगत कराया गया कि डिजिटलाईजेशन के इस युग में सामाजिक सुरक्षा एवं समाज कल्याण के इस क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग सुशासन के लिए करने सम्बन्धी जानकारियों को इस पुस्तक में 30 विभिन्न नवाचारों के माध्यम से दर्शाया गया है।
उन्होंने बताया कि लाभार्थियों तक लोक सेवाओं की पहुंच को सुनिश्चित करने, प्रक्रिया सरल बनाने, बाधा मुक्त वातावरण में, भ्रष्टाचार रहित तरीके से गुणवत्तापूर्ण एवं संतोषजनक सेवाएं तत्काल उपलब्ध कराने हेतु विभिन्न सफल तकनीकों का उल्लेख इस पुस्तक में किया गया है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फेस रिकॉग्निशन टेक्निक, मेटा डेटा बेस्ड ऑटो अप्रूवल, चौट बॉट, डीप डेटा एनालिसिस, प्रिडिक्टिव एनालिटिक्स आदि से अनेक ऐसे राजकीय कार्य आई.टी. के माध्यम से संभव है। इस अवसर पर राज्यपाल के प्रधान सचिव सुबीर कुमार एवं प्रधान विशेषाधिकारी गोविन्द राम जायसवाल भी मौजूद रहे।
प्रमुख नवाचार
- चेहरे की पहचान के माध्यम से व्यक्ति की आइडेंटिटी प्रमाणित की जा सकती है और इस प्रकार सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए आवेदन करने हेतु किसी भी रजिस्टर्ड मोबाइल फोन में एक ऐप डाउनलोड कर अपनी पेंशन एप्लीकेशन का आवेदन किया जा सकता है और उपलब्ध मेटा डेटा के आधार पर बिना मानवीय हस्तक्षेप के ऑटो अप्रूवल हो जाता है, ऐसा लगभग 10 लाख से अधिक लाभार्थियों ने किया।
2. 90 लाख से अधिक सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारी जिसमें वृद्धजन, दिव्यांगजन और विधवा महिलाएं सम्मिलित हैं को अपने जीवित होने का प्रमाण देने हेतु अब किसी दफ्तर या ई मित्र केंद्र पर जाने की आवश्यकता नहीं है। वे फैशियल रिकॉग्निशन तकनीक से घर बैठे किसी भी समय अपना चेहरा सामने रखकर और पलकें झपका कर अपना लाइफ सर्टिफिकेट स्वयं ही दे सकते हैं।
3. सिलिकोसिस के रोगियों हेतु जांच और वित्तीय सहायता का पूरा सिस्टम ऑनलाइन किया गया है। अब वह अपने निकट के अस्पताल जाकर अपना चेस्ट एक्स-रे करवा सकते हैं जहां पर टैली रेडियोलॉजी के माध्यम से उसे आगे भेजा जाता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से कंप्यूटर द्वारा उस पैटर्न को पढ़ा जाता है और यह प्रिडिक्ट कर लिया जाता है कि सिलिकोसिस के लक्षण है या नहीं।
4. छात्रवृत्ति हेतु जो जाति प्रमाण पत्र आदि जारी किए जाते हैं उसे ए पी आई तकनीक द्वारा सीधे ही जारी करने वाले कार्यालय से प्राप्त कर लिया जाता है। इसी प्रकार मार्कशीट का वेरिफिकेशन राजस्थान बोर्ड या सेंट्रल बोर्ड के सर्वर पर उपलब्ध मार्कशीट से डिजिलॉकर का उपयोग करते हुए किया जाता है। इससे कुछ क्षणों में ही हंड्रेड परसेंट एक्यूरेट वेरीफिकेशन हो जाता है।
5. चैटबॉट न सिर्फ योजनाओं की पात्रता, आवेदन प्रक्रिया एवं मिलने वाले लाभ से अवगत कराता है। अपितु लाखों आवेदन कर्ताओं को स्वीकृति व भुगतान की स्थिति (status) भी कंप्यूटर से सूचना लेकर सीधे लाभार्थी को अवगत करा देता है।
6. दिव्यांगजनों की देखभाल हेतु बनाए गए गृहों में सीसीटीवी कैमरा द्वारा लाइव टेलीकास्ट कंप्यूटर के मॉनिटर और मोबाइल स्क्रीन पर होने से गुणवत्तापूर्ण देखभाल एवं सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
7. कोई भी पात्र लाभार्थी योजना के लाभ से वंचित न रहे इसके लिए उपलब्ध डाटाबेस का उपयोग कर प्रिडिक्टिव एनालिटिक्स के माध्यम से हंड्रेड परसेंट बेनिफिशियरी सैचुरेशन का सपना पूरा हो सकता है।
8. की परफॉर्मेंस इंडिकेटर्स (KPI) के माध्यम से जिलों और ब्लॉक स्तर पर अधिकारियों की मासिक प्रगति रिपोर्ट कार्ड तैयार कर रैंकिंग और ग्रेडिंग के माध्यम से निल पेंडेंसी की स्थिति को प्राप्त करना संभव है।
9. जिओ फेंसिंग आधारित मोबाइल बेस्ड अटेंडेंस मॉनिटरिंग सिस्टम के माध्यम से संबंधित लोक सेवक अर्थात छात्रावास अधीक्षक, शिक्षक, अधिकारी, कार्मिक आदि अपने कार्यालय, स्कूल या हॉस्टल में समय पर पहुंच कर अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं।
10. ई रुपी डिजिटल पेमेंट का एक ऐसा माध्यम है जिसमें लाभार्थियों के मोबाइल फोन पर एक QR कोड या एसएमएस भेजा जाता है और बिना किसी क्रेडिट या डेबिट कार्ड, मोबाइल ऐप या इंटरनेट बैंकिंग के लाभार्थी वह वस्तु प्राप्त कर सकता है जैसे दिव्यांगजन स्कूटी प्राप्त करते हैं।
उपरोक्त कुछ उदाहरणों से यह स्पष्ट है कि किस प्रकार सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर आमजन के जीवन को आसान और सुविधाजनक बनाया जा सकता है। भविष्य के गर्भ में छिपी ऐसी अनंत संभावनाएं हमारा इंतजार कर रही हैं। पारदर्शी, जवाबदेह, भ्रष्टाचार मुक्त एवम नागरिक केंद्रित शासन व्यवस्था ही सुशासन का मूल मंत्र है।