जयपुर। देश के कर्णधारों की क्षमता, सक्षमता, व्यवहारिक्ता और परिपक्वता समग्रता का एक मिश्रण है। यह मिश्रण ही राष्ट्र का संचालन करने, देश को विजन प्रदान करने और योजनाओं को अमलीजामा पहनाते हुए मुकाम तक पहुंचाने में सपोर्ट करता है। कहते हैं न ज्ञान जितना अर्जित कर लिया जाए, कम ही होता है। हमारी राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी भी शिक्षा के असर छोड़ते मजबूत रंगों से उभरी एक कलाकृति सरीखी है। इस कलाकृति की खूबसूरती न केवल अधिकारियों का कामकाज और सोशल इम्पैक्ट में छिपी है, बल्कि उनकी विविध शैक्षणिक रुचियों ने राजस्थान काडर को एक मजबूत रचनात्मक आधार भी दिया है। असल में प्रदेश के IAS-IPS अधिकारियों की डिग्रियां उस कृति के रंगों का का असर छोड़ती नजर आती हैं।
राजस्थान के आईएएस-आईपीएस अधिकारियों की डिग्रियों को जायजा लेने पर ब्यूरोक्रेट्स के शैक्षणिक जुड़ाव और रुचियों को कनेक्ट करने का मौका तो मिलता ही है, साथ ही उनके कामकाज में इन शैक्षणिक योग्यताओं का असर भी नजर आता है। यह भी सच है कि विभिन्न विषयों का अध्ययन कर चुके यह अधिकारी ब्यूरोक्रेसी का हिस्सा न होते, तो अच्छे वकील या जज, अच्छे डॉक्टर, उम्दा सीए-सीएस, किसी निजी कंपनी में सीईओ, सीटीओ या सीएफओ होते। लेकिन एक बात तो तय है ये जहां भी होते, अपने हुनर, व्यक्तित्व, ज्ञान और मेहनत से एक खास सामाजिक प्रभाव छोड़ रहे होते।
पहले Doctor, फिर बने IAS-IPS

मेडिकल प्रोफेशन से ब्यूरोक्रेसी का रुख अधिकारियों की जीजीविषा, जद्दोजहद और कड़ी मेहनत का सूचक भी है। सब जानते हैं एक एमबीबीएस डॉक्टर बनते-बनते हजारों-हजार घंटों की सिटिंग, भारी-भरकम पुस्तकों का गहन अध्ययन और कड़ी मेहनत सब एक साथ जुट चुके होते हैं। एमबीबीएस के बाद सिविल सेवाओं की तैयारी और चयन होकर एक बडे चैप्टर के साथ ज्यादा लोगों की मदद कर पाने की शक्ति भी मिलती है। राजस्थान काडर में ऐसे ही अधिकारी जिन्होंने पहले कड़ी मेहनत के बूते एमबीबीएस, तो फिर सिविल सेवाओं को क्रैक किया।
राजस्थान के एमबीबीएस आईएएस-आईपीएएस अधिकारियों में 2002 बैच के आईएएस डॉ. पृथ्वी राज, 2003 बैच के डॉ. प्रीतम बी. यशवंत, 2004 बैच के डॉ. समित शर्मा, डॉ. रवि कुमार सुरपुर, डॉ. आरुषी अजेय मलिक, डॉ. प्रदीप के. गवांडे, डॉ. भारती दीक्षित, डॉ. भंवर लाल, डॉ. खुशाल यादव, डॉ. अंजलि राजोरिया, डॉ. इंद्रजीत यादव, डॉ. अमित यादव, डॉ. मंजू, डॉ. रवि गोस्वामी, डॉ. अर्तिका शुक्ला, डॉ. गौरव सैनी, डॉ. सौम्या झा, डॉ. टी. शुभमंगला, डॉ. शिल्पा सिंह, डॉ. निधि पटेल, डॉ. धीरज कुमार सिंह, डॉ. अंशु प्रिया और डॉ. नेहा उद्धवसिंह राजपूत शामिल हैं। वहीं आईपीएस अधिकारियों में मेडिकल डिग्री ले चुके 1995 बैच की आईपीएस डॉ. प्रशाखा माथुर, 99 बैच के डॉ. बी.एल. मीणा, 2003 बैच के डॉ. नितिन दीप ब्लग्गन, डॉ. एस. परिमला, डॉ. रवि, डॉ. अमनदीप सिंह कपूर, डॉ. विकास पाठक, डॉ. गगनदीप सिंगला, डॉ. राजीव पचार, डॉ. किरण कैंग सिद्धू, डॉ. दीपक यादव, डॉ. अमृता दुहन और डॉ. अजय सिंह राठौड़ शामिल हैं।
सबसे ज्यादा इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स बने IAS-IPS

ब्यूरोक्रेसी के अंदर और बाहर इस बात के चर्चे अक्सर सुने जाते हैं कि बीते दो दशक में ब्यूरोक्रेसी में एंट्री लेने वालों में इंजीनियर्स सबसे ज्यादा हैं। दिलचस्प तथ्य यह भी है कि पिछले हर साल दर साल देखें, तो इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स बड़ी संख्या में सिविल सेवाओ में आए हैं। 2024 बैच को ही लें, तो राजस्थान काडर में इस बैच के कुल 6 आईएएस इंजीनियरिंग ग्रेजुएट भी हैं। 2023 में 7 इंजीनियर आईएएस बनकर राजस्थान को मिले, वहीं इसी बैच में 7 इंजीनियरिंग ग्रेजुएट आईपीएस भी बने।
इंजीनियर से आईएएस बने अधिकारियों में डॉ. सुबोध अग्रवाल, वी. श्रीनिवास, मुख्य सचिव सुधांश पंत, अभय कुमार, तन्मय कुमार, अखिल अरोड़ा, आलोक, शिखर अग्रवाल, संदीप वर्मा, कुलदीप रांका, नरेश पाल गंगवार, आनन्द कुमार, प्रवीण गुप्ता, भास्कर आत्माराम सावंत, अजिताभ शर्मा, आलोश गुप्ता, दिनेश कुमार, राजेश कुमार यादव, हेमन्त कुमार गेरा, नवीन महाजन, वैभव गालरिया, टी. रविकांत, सुबीर कुमार, भवानी सिंह देथा, विकास सीतारामजी भाले, कुष्ण कुणाल, रवि जैन, अम्बरीश कुमार, पूर्ण चन्द किशन, रोहित गुप्ता, वी. सरवण कुमार, प्रकाश राजपुरोहित, इंद्रजीत सिंह, नेहा गिरी, नकाते शिपप्रसाद मदन, संदेश नायक, हिमांशु गप्ता, अविचल चतुर्वेदी, आशीष गुप्ता, अंशदीप, आलोक रंजन, अरविंद कुमार पोसवाल, अरुण कुमार पुरोहित, गौरव अग्रवाल, कमर उल जमान चौधरी, आशीष मोदी, पीयुष समरिया, अंकित कुमार सिंह हर्ष सावन सूखा, सौरभ स्वामी, अजय असवाल, अतहर आमिल उल शफी खान, जसमीत सिंह संधू, प्रताप सिंह, देवेन्द्र कुमार समेत कुल 99 आईएएस अधिकारी इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर प्रशासनिक सेवाओं में राजस्थान काडर में आए।
इनके अलावा सुशील कुमार, अक्षय गोदारा, अभिषेक सुराणा, नित्या के., देशल दान, मुहम्माद जुनैद, अभिषेक खन्ना, मयंक मनीष, राम प्रकाश, उत्साह चौधरी, अपर्णा गुप्ता, कनिष्क कटारिया, राहुल जैन, रिशव मंडल, गिरधर, ललित गोयल, प्रतिभा वर्मा, सिध्दार्थ पालानीचामी, सोहन लाल, गौरव बुडानिया, रवि कुमार, ए. निवृती सोमनाथ, जुईकर प्रतीक चंद्रशेखर, सालुखे गौरव रविन्द्र, रश्मि रानी, आशीष कुमार मिरज्ञ, यश चौधरी, प्रीतम कुमार, दिव्यांश सिंह, मोहित कासनिया, भैसारे शुभम अशोक, सोनिका कुमारी, राहुल श्रीवास्तव, भारत जयप्रकाश मीणा, अवुला साईकृष्ण, रजत यादव, अक्षत कुमार सिंह, नयन गौतम, माधव भारद्वाज, ऐश्वर्य प्रजापति, मेघा आनंद, मृणाल कुमार, अराधना चौहान, रोहित वर्मा और भानु शर्मा शामिल हैं।
Law की लेकिन वकालत नहीं, 19 IAS-IPS लॉ ग्रेजुएट

राजस्थान में भारतीय प्रशासनिक सेवाओं के 19 अधिकारी लॉ ग्रेजुएट भी हैं। इनमें सबसे वरिष्ठ आईएएस और 1988 बैच के डॉ. सुबोध अग्रवाल, आईएएस संदीप वर्मा, भानू प्रकाश एटुरू, सिद्धार्थ महाजन, डॉ. जोगाराम, आनंदी, नलिनी कठोतिया, राजेन्द्र सिंह शेखावत, महावीर प्रसाद, अनिल कुमार अग्रवाल, सिद्धार्थ सिहाग, नम्रता वृष्णि, रामनिवास मेहता, संचिता विश्नोई, बचनेश कुमार अग्रवाल, आकाश तोमर, अजय असवाल, श्रद्धा गोमे और छाया सिंह शामिल हैं। वहीं आईपीएस अधिकारी जिन्होंने लॉ की डिग्री ली है उनमें 1992 बैच के संजय कुमार अग्रवाल, जोस मोहन, सी. संतोष कुमार तुकाराम, अंशुमन भोमिया, राजेश सिंह, देवेन्द्र कुमार बिश्नोई, तेजस्विनी गौतम और लोकेश सोनवाल शामिल हैं। इनमें ऐसे अधिकारी भी बड़ी संख्या में शामिल हैं, जिन्होंने प्रशासनिक सेवाओं में आने सेवाओं में आने के बाद लॉ की डिग्री ली।
किसी ने ब्यूरोक्रेसी से पहले, तो किसी ने बाद में किया MBA

प्रबंधन की डिग्री में रुचि आईएएस-आईपीएस अधिकारियों की सेवाओं में आने से पहले कॉर्पोरेट का रुझान,तो सेवाओं में आने के बाद प्रबंध कौशल मजबूत करने के रुख को बतलाता है। राजस्थान में प्रबंधन की डिग्री ले चुके आईएएस अधिकारियों में डॉ. सुबोध अग्रवाल, आनंद कुमार, विकास सीतारामजी भाले, आशुतोष ए.टी. पेडणेकर, रवि जैन, राजन विशाल, महेन्द्र सोनी, राजेन्द्र सिंह शेखावत, संदेश नायक, ओम प्रकाश कसेरा, नमित मेहता, आशीष गुप्ता, निकया गोहाएन, पुष्पा सत्यानी, सुरेश ओला, बाल मुकुन्द असावा, आकाश तोमर, पुरुषोत्तम शर्मा, अजय असवाल, डॉ. ओम प्रकाश बैरवा, माधव भारद्वाज और भानु शर्मा शामिल है।
वहीं प्रबंधन के डिग्रीधारी आईपीएस अधिकारियों में 1990 बैच के डॉ. रवि प्रकाश मेहरडा, 1992 बैच के आईपीएस राजेश निर्वाण, अनिल पालीवाल, डॉ. प्रशाखा माथुर, सुष्मित बिश्वास, कालू राज रावत, राजन दुष्यंत, राशी डोगरा डूडी, मृदुल कछावा, कावेन्द्र सिंह सागर, डॉ. महावीर सिंह राणावत और राजर्षि राज वर्मा शामिल हैं।
CA-CS बनकर फाइलें नहीं, ब्यूरोक्रेट बनकर देश चलाया

भारती प्रशासनिक सेवाओं में राजस्थान काडर के वरिष्ठ आईएएस नवीन जैन ने सीएस किया, 2012 बैच के आईएएस ओम प्रकाश कसेरा और नमित मेहता समेत 2014 बैच के बचनेश कुमार अग्रवाल ने सीए किया। इनमें आईएएस ओम कसेरा और नमित मेहता ने सीएस भी किया है। सीए के बाद भारतीय पुलिस सेवाओं का हिस्सा बनने वालों में वरिष्ठ अधिकारी और 1992 बैच के राजेश निर्वाण समेत 2014 बैच के मृदुल कछावा शामिल हैं, वहीं आईपीएस में केवल मृदुल कछावा ही सीएस करने वाले एकमात्र अधिकारी हैं।