सोशल मीडिया सेंसेशन और असम के लखीमपुर एसपी आईपीएस आनंद मिश्रा (IPS Anand Mishra) ने रिटायरमेंट के लिए आवेदन करके सबको चौंका दिया है। इस बात की चर्चा तेज है कि 2011 बैच के आईपीएस आनंद मिश्रा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर बकसर से लोकसभा का चुनाव लडऩे जा रहे हैं। इस बात की भी प्रबल संभावना है कि बकसर से मिश्रा चुनाव लड़ते हैं, तो भाजपा के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे।
आईपीएस आनंद मिश्रा (IPS Anand Mishra) ने जो स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन किया है उसमें उन्होंने 16 जनवरी, 2024 से त्यागपत्र मंजूर करने के लिए असम सरकार से अनुरोध किया है। उन्होंने असम के मुख्य सचिव को अपना त्यागपत्र सौंप दिया है।
क्यों चर्चित हुए IPS Anand Mishra?
असम में ड्रग माफिया के खिलाफ बेखौफ मोर्चा खोलने के लिए आनंद मिश्रा (IPS Anand Mishra) को खास पहचान मिली है। आनंद मिश्रा के कामकाज के तरीके और छवि का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उन्हें मणिपुर हिंसा मामले में जांच के लिए गठित विशेष दल का प्रमुख भी बनाया गया है। पिछले कुछ महीनों से मिश्रा ने बक्सर में सक्रियता बढ़ा दी है। यहां के हर छोटे-बड़े कार्यक्रमों का मिश्रा हिस्सा बनने के लिए लगातार समय निकाल रहे हैं।
कौन हैं IPS Anand Mishra?
आनंद मिश्रा (IPS Anand Mishra) मूलत: बिहार के रहने वाले हैं। उनका गांव पड़सौरा, भोजपुर जिले के शाहपुर में आता है। शुरू से ही कोलकाता में पले-बढ़े आनंद असम के तेज तर्रार युवा आईपीएस में गिने जाते हैं। आईपीएस आनंद मिश्रा का गांव बक्सर जिले से बिलकुल सटा हुआ है और पिछले परिसीमन से पहले बक्सर संसदीय सीट का ही हिस्सा हुआ करता था।
क्या है बक्सर लोकसभा सीट का समीकरण?
बक्सर लोकसभा सीट पर ब्राह्मणों का दबदबा माना जाता है। यहां करीब-करीब हर चुनाव में ब्राह्मण ही जीतते रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी यहां से अश्विनी चौबे सांसद बने। सांसद अश्विनी चौबे से पहले यहां लाल मुनी चौबे लगातार चार बार सांसद रह चुके हैं। बक्सर सीट अधिकारियों के बीच चर्चित सीट रही है। कई अधिकारी अलग-अलग दौर में ऐसे रहे हैं, जिन्होंने बक्सर से चुनाव लडऩे के लिए सुरक्षित सेवानिवृत्ति ली थी। केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके यू.पी. सिंह समेत बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डे ऐसे ही अधिकारियों में शामिल हैं। हालांकि चुनाव लडऩे के समीकरण नहीं बैठने पर गुप्तेश्वर शर्मा आजकल पूजा-पाठ, सत्संग और कथावाचन में व्यस्त हो गए हैं।