फेसबुक पर हर रोज तेजी से बढ़ रहे फर्जी अकाउंट्स ने IAS – IPS समेत कई बड़े पदों पर बैठे अधिकारियों की नींद उड़ा रखी है। अधिकारियों के असली फोटो हैकर्स और साइबर ठगों द्वारा उठाए जा रहे हैं और बड़ी तादाद में फर्जी अकाउंट्स रोज बनाए जा रहे हैं। फिर इन्हीं फर्जी अकाउंट्स से कहीं पैसा मांगा जा रहा है, तो कहीं फर्नीचर बेचा जा रहा है।
ऑफिसर्स टाइम्स को भी कई आईएएस आईपीएस और अन्य अधिकारियों के फर्जी अकाउंट्स क्रिएट होने की सूचना मिली, तो हमने उन फर्जी अकाउंट्स को टटोला। कुछ अधिकारियों के फर्जी फेसबुक अकाउंट्स से फेंड रिक्वेस्ट मिलने पर उनको सूचना भी हमारे द्वारा दी गई, तो किसी ने ऐसे अकाउंट्स रोज क्रिएट होने की सूचना मिलना बताया तो किसी ने आश्चर्य जताया। मामले बहुत सारे हैं, लेकिन हम यहां कुछ ताजा उदाहरण और अनुभव आपके साथ साझा कर रहे हैं –
IAS Naveen Jain ने जारी किया अलर्ट
राजस्थान काडर के वरिष्ठ आईएएस और शिक्षा सचिव नवीन जैन (IAS Naveen Jain) ने 13 दिसम्बर को ही फेक अकाउंट अलर्ट जारी किया। आईएएस नवीन जैन की हूबहू तस्वीर जो उनके असली फेसबुक अकाउंट की प्रोफाइल पर लगी थी, उसी को फेक अकाउंट में इस्तेमाल किया गया था। हमें भी आईएएस नवीन जैन के इस फेक अकाउंट से रिक्वेस्ट आई और उन सभी लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट सबसे पहले मिली, जो पहले से आईएएस नवीन जैन के असली अकाउंट की फ्रेंड लिस्ट में शामिल थे। जैसे ही आईएएस नवीन जैन को इसकी जानकारी मिली, उन्होंने न केवल अलर्ट जारी किया, बल्कि फर्जी अकाउंट को तत्काल फेसबुक में रिपोर्ट करके बंद करवाया।
IPS Akash Tomar के फेक अकाउंट
उत्तर प्रदेश काडर के 2013 बैच के आईपीएस और बरेली के एसएसपी आकाश तोमर (IPS Akash Tomar) के फेक अकाउंट से हाल ही हमें फेसबुक फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली। इसकी तत्काल सूचना एसएसपी आकाश तोमर को की, तो पता चला कि हर एक दो दिन में उनका एक नया फेक अकाउंट मार्केट में आ जाता है। जिसकी वह फेसबुक को रिपोर्ट करके ब्लॉक भी करवा देते हैं। लेकिन तब तक उस अकाउंट में लोग जुड़ चुके होते हैं। आकाश के मुताबिक, ‘अब मैं ऐसे मामलों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की तैयारी में हूं।’
IPS Vipul Aggarwal के नाम से बिक रहा फर्नीचर
नेशनल मेडिकल कमिशन में बतौर जॉइंट सेक्रेटरी सेवाएं दे रहे आईपीएस विपुल अग्रवाल (IPS Vipul Aggarwal ) के फेक अकाउंट से तो किसी जालसाज ने फर्नीचर बेचना शुरू कर दिया। हमारे पास भी पहले फ्रेंड रिक्वेस्ट और फिर एक मित्र का तबादला होने पर उसका फर्नीचर बेचने का ऑफर आईपीएस विपुल अग्रवाल के अकाउंट से आया। इस अकाउंट के फेक होने का शक होते ही, जब हमने तुरंत आईपीएस विपुल अग्रवाल को सूचना की, तो उनका कहना था, ‘मैं खुद इसका फेक अलर्ट फेसबुक पर शेयर कर रहा हूं। इससे बचकर रहे।’ आईपीएस विपुल ने इधर फेसबुक अलर्ट अपने आधिकारिक पेज पर लगाया, उधर हमने फेक अकाउंट में जुड चुके कॉमन फ्रेंड्स की सूची में मौजूद आईआरएस अधिकारी को उस फेक अकाउंट से डिसकनेक्ट होने की सूचना दी।
IAS Haulianlal Guite के नाम से आ रही लगातार रिक्वेस्ट
राजस्थान काडर के युवा आईएएस और 2010 बैच के आईएएस एच. गुईटे (IAS Haulianlal Guite ) का भी फेक फेसबुक अकाउंट बना लिया गया। आईएएस नवीन जैन के एक दिन बाद ही आईएएस गुईटे ने 14 दिसम्बर को इस फर्जी फेसबुक अकाउंट से सतर्क रहने का अलर्ट जारी किया। गुईटे के फर्जी फेसबुक से पहले उन सभी लोगों को रिक्वेस्ट भेजी गई, जो उनके असली फेसबुक पर फे्रंड्स थे। हमें जब इसकी रिक्वेस्ट मिली, तब तक आईएएस गुईटे के फर्जी फेसबुक अकाउंट पर 649 मित्र बन चुके थे, जिनमें 6 हमारे म्यूचुअल फ्रेंड्स भी थे। अगले ही दिन यानी 15 दिसम्बर को आईएएस गुईटे ने फिर अपने असली फेसबुक अकाउंट पर सूचना डाली और बताया कि वह फेसबुक द्वारा फर्जी अकाउंट को ब्लॉक करने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने यह भी सूचना दी की मेरा ओरिजिनल फेसबुक अकाउंट फरवरी 2016 से सक्रिय हैऔर उस पर करीब 4900 मित्र जुड़े हुए हैं।
IPS Rajeev Narian Mishra ने किया अलर्ट जारी
उत्तर प्रदेश काडर के वरिष्ठ आईपीएस राजीव नारायण मिश्रा (IPS Rajeev Narian Mishra) के फेसबुक पर करीब 43000 फॉलोवर्स हैं। राष्ट्रपति से पदक प्राप्त कर चुके आईपीएस राजीव नारायण को जब सूचना मिली की उनका भी फर्जी फेसबुक अकाउंट आ गया है और फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जा रही हैं, तो उन्होंने तत्काल एक सावधान करने वाला अलर्ट जारी किया। फिलहाल आईपीएस राजीव नारायण मिश्रा 34 पीएसी में बतौर कमांडेंट सेवाएं दे रहे हैं। आईपीएस राजीव 1994 बैच के आईपीएस हैं और उत्तर प्रदेश काडर में खासे पॉपुलर हैं। उनकी पॉपुलर्टी का फायदा फर्जी अकाउंट बनाकर फ्रॉड करने वालों ने उठाने का प्रयास किया, लेकिन राजीव चौकन्ने रहे और समय रहते अलर्ट जारी किया।
ऊपर जिन अधिकारियों का जिक्र किया गया है, वह ता उदाहरण मात्र हैं। हर रोज कई आईएएस-आईपीएस अधिकारियों के फर्जी अकाउंट फेसबुक पर बनाए जा रहे हैं। किसी से पैसे मांगे जा रहे हैं, तो किसी से सामान बेचा जा रहा है। जालसाजों की ऐसे हरकतों से न केवल अधिकारी परेशान हो रहे हैं, बल्कि जनता में तेजी से फैल रहे फर्जी अकाउंट्स के आईडेंटीफिकेशन को लेकर भी बेबस हैं। क्योंकि एक अधिकारी का एक नहीं कई-कई क्लोन अकाउंट बाजार में फैले हैं।
इसलिए बन रहे अधिकारियों के फर्जी फेसबुक अकाउंट
तकनीक जितनी विकसित होगी, उसके फायदे भी उतने ही होंगे नुकसान भी उतने ही। अधिकारियों की दैनिक भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच ऐसा कम होता है, जब वो सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा समय दे पाएं। अगर दे रहे हैं, तो सोशल मीडिया का उपयोग अपने विभाग, योजनाओं, जनता तक सूचनाएं पहुंचाने के प्रयासों तक ज्यादा दे रहे हैं। ऐसे में अधिकारियों की व्यस्तता किसी से छिपी नहीं है। इसका फायदा उठा रहे हैं फर्जी अकाउंट बनाने वाले, हैकर्स और ऑनलाइन ठगी करने वाले जालसाज। अधिकारी के नाम से अकाउंट बनाते हैं, फिर अधिकारी के मूल अकाउंट की फ्रेंड लिस्ट से चुन-चुन कर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं। कुछ लोग उसे अधिकारी द्वारा भेजा गया प्रस्ताव मानकर स्वीकार कर रहे हैं, तो कुछ जागरुक लोग अधिकारियों से कंफर्म भी कर रहे हैं कि आपका यह दूसरा अकाउंट फर्जी तो नहीं है।
अधिकारी क्या करें उपाय ?
- अपनी प्रोफाइल प्राइवेट कर लें। केवल जानकारों को ही फ्रेंड लिस्ट में जोड़ें। इससे आपकी प्रोफाइल पिक्चर या आपकी तस्वीरें चुराकर फेक अकाउंट बनाना जालसाजों के लिए मुश्किल होगा।
- फेसबुक अकाउंट की प्रोफाइल लॉक करने से हैकर या जालसाज आपकी प्रोफाइल या दूसरी फोटो का इस्तेमाल फेक अकाउंट में नहीं कर पाएगा। अमूमन अधिकारी के असली अकाउंट के प्रोफाइल में जो फोटो लगी होती है, जालसाज उसी को उठाते हैं। अगर आप प्रोफाइल लॉक नहीं करते हैं, तो हर सप्ताह अपन प्रोफाइल पिक बदलते रहें।
- अपने सोशल मीडिया पर एक अलर्ट जारी करें कि आपका यह एकमात्र या अमुक अकाउंट ही असली अकाउंट हैं, शेष किसी भी अकाउंट से कोई फ्रेंड रिक्वेस्ट आती है, तो उसे स्वीकार न करें। इससे आपके फॉलोवर्स सतर्क रहेंगे और जालसाजी को कुछ हद तक कम किया जा सकेगा।
- किसी भी अनजाने लिंक पर क्लिक करने से बचें। मीटा या फेसबुक के नाम से नोटिफिकेशन में आने वाले मैसेज पर क्लिक करने से परहेज करें। अक्सर मीटा या फेसबुक के नाम से हैकर्स फर्जी अकाउंट बनाकर आपको पिंग करेंगे। नोटिफिकेशन जिस प्रोफोइल से आएगा उस पर फेसबुक या मीटा का लोगो भी चुराकर लगाया गया होगा, लेकिन आप उसके जवाब में रिएक्ट करेंगे, तो फिशिंग का शिकार हो जाएंगे और आपका अकाउंट हैक हो जाएगा।
- जब भी फेसबुक पर किसी अजनबी को आपके साथ जुड़ा पाएं, तो उसका प्रोफोइल चैक करें और आपके और उसके कॉमन फ्रेंड्स की लिस्ट जरूर देंखें। इससे आप भांप जाएंगे कि वह अकाउंट फर्जी है या वास्तव में किसी जानकार का है। ज्यादातर फर्जी अकाउंट्स में हर किसी को जोड़ा गया होता है, जिनकों आप न जानते होंगे, न कॉमन प्रोफाइल से उसका कोई संबंध होगा। ऐसे कॉमन फ्रेंड्स जिन्हें आप नहीं जानते, जब भी फ्री बैठें उन्हें अनफ्रेंड करते रहें।
- अपने प्रोफाइल पर नजर रखें। आपके आस-पास सोशल मीडिया पर एक्टिव और पकड़ रखने वाले मित्रों, जानकारों को निजी तौर पर कहकर करके रखें कि आपके नाम से सोशल मीडिया पर कुछ भी लीक से हटकर या फर्जी नजर आए, तो संज्ञान में लाएं ताकि समय रहते उपाय संभव हों।
- आपको पता चलता है कि आपके नाम से फेक आईडी कोई चला रहा है तो फेसबुक को तुरंत रिपोर्ट करें। लेकिन आपको पता चलता है कि उस आईडी से कोई पैसे मांग रहा है, फर्नीचर, कार, घरेलू सामान बेचता नजर आ रहा है, तो उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाएं।
– प्रवीण जाखड़, सम्पादक