जयपुर। सरकार में श्रेय लेने की दौड़ और होड़ मची रहती है। लेकिन कुछ विरले अधिकारी ऐसे भी होते हैं, जो सारा श्रेय अपनी टीम, टीम के समर्पण, मेहनत और जुझारूपन को देते हैं। राजस्थान काडर के वरिष्ठ IAS अधिकारी डॉ. समित शर्मा भी ऐसे ही अधिकारियों में शुमार हैं, जो हर बार श्रेय के मामले में अपने से आगे अपनी टीम को तवज्जो देते हैं। सरकार के लिए जनकल्याणकारी योजनाओं को बनाना, लागू करवाना, अंजाम तक पहुंचाना और उसके प्रभावों से अवगत करवाते हुए पारदर्शिता स्थापित करना कोई डॉ. समित से सीखे। बेहद लग्नशील, स्वच्छ छवि और समर्पित व्यक्तित्व के धनी समित शर्मा फिलहाल सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में बतौर शासन सचिव सेवाएं दे रहे हैं। हाल ही डॉ. समित के कामकाज और योजनाओं में नवाचार को SKOCH Awards ने चुना है और उन्हें एक गोल्ड तथा 2 सिल्वर अवॉर्ड से सम्मानित किया है।
इस अवसर पर डॉ. समित ने कहा है कि देश में जो मोबाइल क्रांति हो रही है और तेजी से डिजिटाइजेशन हो रहा है उसका लाभ समाज के सबसे वंचित और गरीब वर्ग तक पहुंचाने के लिए विभाग प्रतिबद्ध है और आने वाले समय में सेवाओं को और भी आसानी से लाभार्थियों को उपलब्ध कराया जाएगा। डॉ. समित ने सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को स्कॉच अवॉर्ड मिलने पर शुभकानाएं देते हुए कहा है कि आप सभी की शुभकामनाओं की वजह से ही यह शुभ दिन आया है, इसलिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
स्कॉच अवॉर्ड का मिलना और जिन योजनाओं को लेकर उम्दा काम विभाग के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों ने मिलकर किया उनकी जानकारी भी डॉ. समित ने साझा की हैं।
1. कोरोना सहायता योजना
2. सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना
3. अनुप्रति योजना को ऑर्ड ऑफ मैरिट से सम्मानित किया गया है।
डॉ. समित के मुताबिक, ‘विभागीय के प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलना विभाग के अधिकारियों एवं कार्मिकों की मेहनत, कर्मठता, सकारात्मक सोच एवं सामाजिक न्याय के प्रति समर्पण का प्रतीक हैं। जिसके लिए वे सभी बधाई के पात्र हैं। यह जो तीन अवॉर्ड और तीन ऑर्डर ऑफ मेरिट सर्टिफिकेट मिले हैं इसका श्रेय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की टीम को जाता है इसलिए इन्हें मैं उन्हें ही समर्पित करता हूं। यह पूरी टीम के लिए गर्व की बात है कि विभाग के नवाचारों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है और योजनाओं में नवाचार को पहचान प्रदान करने हेतु आयोजित राष्ट्रीय स्तर के स्कॉच अवार्ड डिजीटल सेरेमनी में स्कॉच अवार्ड टीम द्वारा डिजीटल सर्टिफिकेट एवं साइटेशन प्रदान किया गया। विभाग की ओर से शासन सचिव के रूप में यह सम्मान मुझे प्राप्त करने का सौभाग्य मिला। ‘
हमारा विभाग अपने 1 करोड़ 10 लाख लाभार्थियों को सुगम, सरल, त्वरित, पारदर्शी, बाधारहित, गुणवत्तापूर्ण व सुविधाजनक तरीके से लोक सेवाएं एवं प्रतिवर्ष लगभग 12,000 करोड रुपए की आर्थिक सहायता बिना किसी भ्रष्टाचार के सीधा लाभार्थियों के खाते में उपलब्ध कराने हेतु प्रतिबद्ध हैं। इस हेतु विभाग द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर तकनीकी नवाचारों के माध्यम से योजनाओं का फायदा लाभार्थियों को पहुचाने के लिए प्रशासनिक प्रक्रियाओं का सरलीकरण व डिजिटलीकरण का कार्य किया जा रहा है, जिनमें से प्रमुख निम्नानुसार है –
उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना
इस योजना में समय से भुगतान कराने हेतु सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग द्वारा आवेदन एवं स्वीकृति प्रक्रिया में सरलीकरण कर एवं तकनीक का उपयोग कर उसे विद्यार्थियों के लिए बहुत आसान एवं सुविधाजनक बनाया है, जिससे छात्रवृत्ति जल्दी से जल्दी स्वीकृत होकर विद्यार्थी को मिल सके और वह अपनी पढ़ाई पूरी कर सके। जनाधार डेटाबेस से विद्यार्थी का जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र एवं आय प्रमाण स्वत: प्राप्त हो जाता है।
कक्षा 10 एवं 12 वीं की अंकतालिका सीधे ही आरबीएसई एवं सीबीएसई से ई-वॉल्ट सर्विस के माध्यम से प्राप्त की जा रही है। अन्य बोर्ड की अंकतालिकाएं डिजीलॉकर उपलब्धता के आधार पर प्राप्त की जाती है।
इसी प्रकार राजकीय शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के प्रथम वर्ष के आनलाइन आवेदन पत्र जिनकी छात्रवृत्ति राशि 50000 से कम है, उनका स्वत: अनुमोदन होता है। वर्ष 2023-24 से राजकीय शिक्षण संस्थाओं में एक ही पाठ्यक्रम में अध्ययनरत विद्यार्थियों को द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के लिए आवेदन पत्रों का भी स्वत: नवीनीकरण प्रस्तावित है। पृथक से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है। केवल गतवर्ष की अंकतालिका एवं फीस की रसीद अपलोड करना होगा। विद्यार्थी द्वारा छात्रवृत्ति पोर्टल पर शिक्षण संस्थान में नियमित रूप से आधार आधारित बायोमैट्रिक उपस्थिति किये जाने के आधार पर ही आवेदन का अग्रेषण/सत्यापन व स्वीकृति सम्भव होगी। जिससे पात्र विद्यार्थियों को ही छात्रवृत्ति का लाभ प्राप्त हो रहा है।
अनुसूचित जाति, उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति सुनिश्चित करने हेतु पोर्टल पर फ्रीशिप कार्ड (विद्यार्थी को छात्रवृत्ति दिये जाने की सुनिश्चितता) का प्रावधान किया है। अन्य श्रेणियों में भी फ्रीशिप कार्ड का प्रावधान किया जा रहा है। छात्रवृत्ति आवेदन पत्र प्राप्त करने से लेकर भुगतान तक की स्थिति को विद्यार्थियों को मैसेज के माध्यम से सूचित किया जाता है।
पालनहार योजना
योजना में प्रदेश के लगभग 7 लाख अनाथ बच्चों को सरकार द्वारा प्रतिमाह आर्थिक सहायता उपलब्ध करवा रही है। योजना का संचालन डिजिटलीकरण, डाइरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर, ऑनलाइन प्रक्रिया का सरलीकरण करते हुए पारदर्शी एवं जवाबदेहिता के साथ किया जा रहा है। पालनहार योजना में भी पेंशन योजना की तर्ज पर केन्द्रीय कृत प्रणाली के माध्यम से निदेशालय स्तर से ही बिल बनाकर सिंगल ट्रेजरी के माध्यम से भुगतान किया जायेगा जिससे पालनहारध्बच्चों को समय पर सहायता राशि का भुगतान सुनिश्चित हो सकेगा। इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी की जा चुकी है।
पालनहार योजना में आवेदन पत्रों को निर्धारित समय-सीमा में निस्तारण एवं भुगतान करने हेतु डिम्ड एप्रुव्ड की व्यवस्था लागू की गई है, जिससे समय पर आवेदन पत्रों का निस्तारण एवं पालनहारध्बच्चों को भुगतान सुनिश्चित हो सकेगा। जनाधार पोर्टल पर विधवा/तलाकशुदाध/परित्यकता, विषेष योग्यजन एवं सिलिकोसिस पेंशनर्स के 0 से 18 आयु वर्ग के वंचित पात्र बच्चों को पालनहार योजना से जोडने हेतु सिस्टम आधारित चिन्हिकरण कर स्वत: ही पात्र परिवारों/बच्चों को पालनहार योजना से जोडने की व्यवस्था लागू की जा रही है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्गों की कन्याओं के विवाह पर आर्थिक संबल प्रदान किए जाने हेतु मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा ऐसे कमजोर परिवारों जिसमें कोई व्यस्क व्यक्ति कमाने वाला नहीं है, विधवा महिलाओं की पुत्रियों एवं सभी वर्गों की बीपीएल परिवार, अंत्योदय परिवार, आस्था कार्ड धारी परिवार, विशेष योग्यजन व्यक्ति की कन्या, पालनहार योजना में लाभान्वित कन्या तथा महिला खिलाड़ी के स्वयं के विवाह पर 21,000 से 51,000 तक की आर्थिक सहायता दी जा रही है। योजना में प्रतिवर्ष लगभग 20,000 से अधिक लाभार्थियों को सहायता दी जा रही है।