भारतीय प्रशासनिक सेवाओं की 2020 बैच की युवा अधिकारी कंचन सिंगला (IAS Kanchan Singla) ने अपना गुजरात काडर छोडक़र पंजाब काडर ले लिया है। कंचन ने काडर मैरिज ग्राउंड्स पर बदला है। कंचन पंजाब काडर के आईएएस आकाश बंसल (IAS Akash Bansal) से शादी करने जा रही हैं।
कौन हैं IAS Kanchan Singla?
मूलत: सिरसा (हरियाणा) की कोर्ट कॉलोनी की रहने वाली कंचन (IAS Kanchan Singla) ने 2019 में यूपीएससी परीक्षा पास की। ऑल इंडिया 35वीं रैंक हासिल कर गुजरात काडर में मात्र 24 साल की उम्र में आईएएस बनीं कंचन के पिता अनिल सिंगल सीए हैं और मां प्रवीण सिंगला परिवार संभालती हैं। कंचन का छोटा भाई अनुज ग्रेजुएशन करके करियर बिल्डिंग में जुटा हुआ है। फिलहाल कंचन का परिवार पंचकुला में रहता है।
कंचन नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली से डिग्री लेकर यूपीएससी की तैयारी करने लगी थी। 2018 में अपने पहले प्रयास में उन्होंने ऑल इंडिया रेलवे सर्विसेज (अलाइड) में जगह बनाई, लेकिन अगले साल फिर चांस लिया। इस बार उन्होंने बैच में 35वीं रैंक हासिल की। कंचन पढ़ाई में शुरू से ही अव्वल रही हैं। उन्होंने आठवीं तक सिरसा पढ़ाई की और नौंवी में परिवार पंचकुला आ गया, तो आगे की पढ़ाई यहां से की। 12वीं चंडीगढ़ के 16 सेक्टर के गवर्नमेंट मॉडल स्कूल से पास करके पांच वर्षीय लॉ डिग्री के लिए एडमिशन ले लिया। यूनिवर्सिटी में कंचन को 7 गोल्ड मैडल मिले और कंचन अपने बैच में टॉपर रही थी।
IAS Akash Bansal से कंचन कर रही हैं शादी
आईएएस आकाश बंसल (IAS Akash Bansal) 2019 बैच में चयन होकर पंजाब काडर में सेवाएं दे रहे हैं। फिलहाल आकाश एडीसी, संगरूर के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं। आकाश बंसल का आईएएस में भले शुरुआती दौर है, लेकिन वह पंजाब काडर के चर्चित अधिकारियों में गिने जाने लगे हैं। आकाश बंसल (IAS Akash Bansal) वही आईएएस हैं, जिन्होंने पंजाब के डंपिंग याड्र्स को मिनी फॉरेस्ट में बदलने का यूनीक आईडिया दिया। आकाश ने पंजाब के मुलानपुर शहर में कचरे के डंपिंग यार्ड को मिनी फॉरेस्ट में तब्दील किया।
डंपिंग यार्ड को मिनी फॉरेस्ट में बदलते समय आकाश ने पहले चरण में 1000 पौधे लगवाएं, जिन्हें बाद में 10000 पौधों तक बढ़ाकर मिनी फॉरेस्ट के रूप में विकसित किया जा रहा है। आकाश के इस आईडिया में उनके एक सीनियर आईएएस रोहित मेहरा ने भी विशेष सहयोग किया। रोहित मेहरा 2006 बैच के आईएएस हैं और पूरे देश में अब तक अपने प्रयासों से करीब 80 से ज्यादा मिनी फॉरेस्ट विकसित कर चुके हैं। आकाश ने मिनी फॉरेस्ट के प्लान पर मुलानपुर के 10 स्कूलों के बच्चों को शामिल करते हुए प्लास्टि फ्री ड्राइव भी शुरू की।
आईएएस आकाश बंसल (IAS Akash Bansal) शुरू से ही पढ़ाई-लिखाई और इनावेटिव आईडियाज पर काम करने के लिए पहचाने जाते हैं। सिविल सर्विसेज में आने से पहले आकाश आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग करके आईआईटी दिल्ली से एनर्जी पॉलिसी में मास्टर्स भी कर चुके थे। इंजीनियरिंग के साथ-साथ उन्होंने सिविल सेवाओं की तैयारी की थी। अपने पहले ही प्रयास में 2016 बैच में उन्होंने यूपीएससी पास कर लिया था, लेकिन तब उनकी रैंक 165 थी। आईआरएस बन भी गए। हालांकि रैंक अच्छी थी, लेकिन आकाश को कम लगी, उन्होंने फिर 2017 में चांस लिया और 130वीं रैक हासिल कर आईएफएस में चयनित हुए। अपने तीसरे प्रयास में 2018 में आकश के 76वीं रैंक मिली और पंजाब काडर में आईएएस बनकर आए।