राजस्थान काडर के 2001 बैच के वरिष्ठ आईएएस नवीन जैन का स्पर्श अभियान छठे वर्ष में पहुंचा। तमाम कामकाजी व्यस्तताओं के बीच सैटर्डे फॉर सोसायटी के एक विचार ने प्रदेश के लाखों बच्चों को तोहफे में दिया स्पर्श अभियान। एक रिपोर्ट…
जिंदगी में जिद न हो, तो बदलाव संभव नहीं होता। लेकिन जिद ऐसी कि लाखों का जीवन बदल दे। जिद ऐसी की उन बेटियों में हिम्मत भर दे, जिन्हें लोग गलती से कमजोर समझ लेते हैं। जिद ऐसी की समाज की रगों में जाकर एक सुरक्षा का भाव भर दे, जो हौसला देता है। समझ देता है। अच्छे और बुरे का अंतर समझाता है। …हो सकता है पिछले पांच-छह सालों में आपने अपने भागदौड़ भरे कामकाजी जीवन और उसके एग्जर्शन को कम करने के लिए शानदार वीकेंड्स इंजॉय किए। हो सकता है आपने वीकेंड्स पर पार्टियां की, परिवार, दोस्त और ऑफिस के कलीग्स के साथ मौज-मस्तियां की। …लेकिन एक शक्स लगातार, बिना रुके, बिना थके, अनवरत एक मिशन पर है। एक ऐसा मिशन जो उनके वीकेंड्स को लाजवाब बना देता है। एक ऐसा मिशन जिसमें हर सप्ताह हजारों बच्चे उनके दोस्त बन जाते हैं। एक ऐसा मिशन जिसके बाद बच्चे अपने माता-पिता के बाद सबसे सुरक्षित कहीं महसूस करते हैं, तो सुरक्षा भाव के साथ उस शक्स का जरूर याद करते हैं। …और उस स्पर्श मिशन के सूत्रधार हैं राजस्थान काडर के वरिष्ठ आईएएस नवीन जैन ( IAS Naveen Jain )।
आईएएस नवीन जैन स्पर्श अभियान के जरिए बीते 6 सालों में 16 लाख से ज्यादा बच्चों का जीवन बदलने में कामयाब रहे हैं। राजस्थान काडर के उन चुनिंदा अधिकारियों में आईएएस नवीन जैन शामिल हैं, जो टेबल पर बैठ कर ऑर्डर या सर्कुलर जारी करने में भरोसा नहीं करते, बल्कि उस काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए खुद कूद पड़ते हैं। उन्हें मेहनत थकाती नहीं। पूरे सप्ताह प्रेशर भरे कामकाजी माहौल और व्यस्तता के बावजूद 2019 से आईएएस नवीन जैन हर शनिवार निकल पड़ते हैं, अपने स्पर्श अभियान का एक और सुनहर पन्ना लिखने। बीते छह सालों में 300 से ज्यादा शनिवार आए और आपको याद भी नहीं होगा कि उन शनिवार आपने क्या-क्या किया? लेकिन आईएएस नवीन जैन ने इन 300 से ज्यादा शनिवार को 1000 से ज्याद सेशंस के जरिए हर बार एक नई इबारत लिखी। हर शनिवार हजारों बच्चों तक पहुंचे। एक टीम बनाई, उसे प्रशिक्षित किया। टीम को लीड किया। राजस्थान के दूर-दूराज इलाकों में अपने खर्चे पर गए। अपनी गाड़ी उठाई, घर का खाना टिफिन में पैक किया और निकल पडेÞ साथियों के साथ यह बतलाने की गुड टच, बेड टच क्या होता है? कैसे बेड टच का एहसास होते ही, खुद को बचाना है? अपनी आत्मरक्षा के लिए तत्काल क्या-क्या कदम उठाने हैं? और वो सब कुछ जो आपकी-हमारी बेटियों को सुरक्षित बनाए। बेटियों को सोच से सक्षम बनाए, ताकि किसी भी विपरीत परिस्थिति में हार मानने की बजाय, वह संघर्ष करे और अपने हौसलों के दम पर सामाजिक बुराईयों को चीरते हुए जीवन में आगे बढे।
एक मुहिम और हजारों साथियों की भागीदारी
आईएएस नवीन जैन ने वर्ष 2019 में अपना हर शनिवार समाज को समर्पित करने का संकल्प लिया। लक्ष्य लिया गया पहले वर्ष में एक लाख बच्चों को गुड टच, बेड टच को लेकर अवेयर किया जाएगा। शुरुआत जयपुर और जयपुर ग्रामीण इलाके से हुई और काफिला बढ़ता ही चला गया। सात महीने बाद एनजीओ, शिक्षकों, चिकित्सा, शिक्षा, कानून और सामाजिक क्षेत्र के सक्रिय और निस्वार्थ भाव से इस मुहिम को आगे बढ़ाने वालों की टीम संगठित होने लगी। आज आलम यह है कि आईएएस नवीन जैन का गुड टच, बेड टच कार्यक्रम राजस्थान के हर गांव-ढाणी तक पहुंच चुका है। राजस्थान भर में आईएएस जैन के इस अभियान से 16 लाख से ज्यादा बच्चे जुड़कर लाभांवित हो चुके हैं। प्रदेश की 6050 से ज्यादा स्कूलों में 7900 से ज्यादा सेशंस को आयोजित करने में आईएएस नवीन जैन द्वारा प्रशिक्षित 63000 साथियों की टीम ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लीडरशिप और प्लानिंग के दम पर आईएएस नवीन जैन ने देश सबसे बडे प्रदेश राजस्थान में गुड टच, बेड टच को लेकर जागरुकता की मिसाल कायम की है। 3 लाख 42 हजार वर्ग किलोमीटर में फैले राजस्थान के रेतीले धोरों में नवीन जैन राजस्थान के एकमात्र आईएएस हैं, जिन्हें सचिवालय के गलियारों तक या चंद विभागों तक ही नहीं पहचाना जाता, बल्कि उन्होंने प्रदेश के दूर-दराज इलाकों, गांवों-ढ़ाणियों, स्कूलों और विशेष रूप से नई पीढ़ी के दिलों में जगह बनाने में कामयाबी हासिल की है।
स्पर्श की शुरुआत को लेकन आईएएस नवीन जैन कहते हैं, ‘स्पर्श के मिशन को निरंतरता देने लिए कड़ी मेहनत, प्लानिंग, पॉजिटिविटी और एक आंदोलन को आगे बढ़ाने जैसे जज्बे की जरूरत थी। केवल सोशल मीडिया पर नाराजगी व्यक्त करना ही सब कुछ नहीं होता। हम मौखिक नाराजगी भी जाहिर करते हैं। लेकिन इन सबसे बहुत आगे बढ़कर हमें बच्चियों की सुरक्षा और एक अच्छे समाज के निर्माण की आवश्यकता की अवधारणा को आगे बढ़ाना जरूरी था। इसी प्रयास को हमने औपचारिक रूप से 24 अगस्त, 2019 को शुरू किया। शुरुआत में चार से बारह साल के बच्चों को ऑडियो-विजुअल्स के जरिए गुड टच, बेड टच समझाया-बताया गया और एक मेहनतभरी अच्छी शुुरुआत हुई। धीरे-धीरे बारहवीं तक के स्टूडेंट्स भी जुडे और अब हम पूरे राजस्थान और कई दूसरे प्रदेशों में सेशंस कर चुके हैं।’
टर्निंग पॉइंट और दो विश्व रिकॉर्ड
गुड टच, बेड टच को लेकर अवेयरनेस, स्कूलों में सेशंस, टीम को प्रशिक्षण और जागरुक नागरिकों का अभियान से निरंतर जुड़ते जाना जारी था। नवीन जैन भी हर शनिवार और रूटीन में देर रात तक जाग-जाग कर बच्चों तक सरलता, विनम्रता के साथ अपने संवाद को बढ़ाने के तौर-तरीकों, प्रयोगों में जुटे हुए थे। इन्हीं मेहनत और व्यस्तताओं के बीच टर्निंग पॉइंट तब आया, जब आईएएस नवीन जैन को राजस्थान सरकार ने स्कूल शिक्षा विभाग का सचिव नियुक्त किया। क्योंकि अब तक विभिन्न विभागों में सेवाएं देते हुए आईएएस नवीन जैन अपने निजी संसाधनों और स्कूलों के सहयोग से आगे बढ़ रहे थे, वहीं अब राजस्थान की सरकारी स्कूलों तक पहुंच और गांव-ढाणियों तक सुरक्षित स्पर्श की मुहिम से बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का वक्त आ गया था।
शिक्षा विभाग में रहते राजस्थान की 65000 से ज्यादा सरकारी स्कूलों में सुरक्षित और असुरक्षित स्पर्श की जागरुकता के लिए सुरक्षित स्कूल, सुरक्षित राजस्थान अभियान शुरू किया गया। इस अभियान के पहले चरण में 11 अगस्त, 2023 को आईएएस नवीन जैन ने 1200 मास्टर प्रशिक्षक व्यक्तिगत रूप से प्रशिक्षित किए और राजस्थान प्रदेश के इतिहास में सुरक्षित बचपन की एक मजबूत नींव रखी गई। 26 अगस्त को राजस्थान में सभी 65 हजार से ज्यादा स्कूलों में 63 लाख से ज्यादा छात्र-छात्रओं, शिक्षकों, अभिभावकों और राजस्थान के निवासियों को असुरक्षित स्पर्श और बाल शोषण की जानकारी दी गई। यह वर्ल्ड रिकॉर्ड बना और वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने इस घटना को लंदन से प्रमाणित किया। स्पर्श अभियान अब तक दो वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित कर चुका है।
देशभर में सुरक्षित बचपन के लिए बढ़ रहा स्पर्श अभियान
राजस्थान से शुरू हुआ स्पर्श अभियान सही मायनों में अब राजस्थान तक सिमटा हुआ नहीं है। राजस्थान से बाहर निकलकर जम्मू-कश्मीर, गुजरात, मणिपुर, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, नई दिल्ली और उत्तराखण्ड में भी स्पर्श अभियान से जुडेÞ ऑफलाइन सेशंस हो चुके हैं, जबकि ऑनलाइन सेशंस में भी हजारों लोग अब तक शामिल हो चुके हैं। आईएएस नवीन जैन कहते हैं, ‘बच्चे हमारा भविष्य हैं। आने वाली पीढ़ी हमारे देश का आने वाला कल सुनिश्चित करेगी। यही बच्चे हमारा और हमारे राष्ट्र का निर्माण करेंगे, यही राष्ट्र निर्माण की रीढ़ हैं। इनका बचपन सुरक्षित रहेगा, इनमें आत्मविश्वास रहेगा तो हम न केवल अपने गांव-ढ़ाणी, कस्बे और शहर को सुरक्षित रख पाएंगे, बल्कि हजारों सालों से संस्कारों से लबरेज हमारी संस्कृति का सही मायने में संरक्षण भी कर पाएंगे।’
(आईएएस नवीन जैन फिलहाल योजना एवं सांख्यिकी विभाग में बतौर सचिव सेवाएं दे रहे हैं।)
– प्रवीण जाखड़