राजस्थान काडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शिखर अग्रवाल (IAS Shikhar Agarwal) को बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी गई है। शुक्रवार देर रात सरकार की ओर से जारी एक आदेश के अनुसार शिखर अग्रवाल अब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajan Lal Sharma) के एसीएस के तौर पर बड़ी भूमिका में होंगे।
गौरतलब है कि भजनलाल शर्मा के मुख्यमंत्री बनने से अब तक इस पद पर किसे लगाया जाएगा, ब्यूरोक्रेसी से लेकर सत्ता के गलियारों में इसकी सबसे ज्यादा चर्चा थी। इस पद पर गुजरात काडर के आईएएस जेपी गुप्ता (IAS JP Gupta) का नाम भी चला था और उन्हें गुजरात से रिलीव करके राजस्थान भेजे जाने की पत्रावली चलने और प्रधानमंत्री द्वारा उनकी प्रतिनियुक्ति को हरी झंडी देने की पुख्ता खबरें भी आई थी। लेकिन अब आईएएस शिखर अग्रवाल के आदेश जारी होने के बाद सभी चर्चाओं पर विराम लग गया है।
कौन हैं IAS Shikhar Agarwal ?
मजबूत छवि वाले बोल्ड ब्यूरोक्रेट के तौर पर 1993 बैच के आईएएस शिखर अग्रवाल (IAS Shikhar Agarwal) राजस्थान काडर में खास पहचान रखते हैं। अब तक वन, पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद के साथ राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के अध्यक्ष के तौर पर सेवाएं दे रहे शिखर राजनीतिक दबावों से ऊपर उठकर काम करने के लिए जाने जाते हैं।
शिखर अग्रवाल वही आईएएस हैं, जिन्होंने राजमहल पैलेस का गेट बंद कर दिया था। पैलेसिया, बिडला ग्रुप की जमीन पर कब्जा और रोजगारेश्वर मंदिर तोडऩे पर उनका विरोध हुआ, चर्चा में आए, रसूखदारों के खिलाफ कार्रवाईयां करते रहे, लेकिन डगमगाए नहीं। जयपुर विकास प्राधिकरण में आयुक्त रहते शिखर ने राजमहल पैलेस पर कार्रवाई के दौरान दीया कुमारी से भी उलझते देखे गए थे। उदयपुर में जिला कलेक्टर रहते शिखर अग्रवाल पार्षद की पिटाई कर दी थी। ऋषभदेव मंदिर विवाद को लेकर हुए झगड़े के मौके पर जिस तरह शिखर अग्रवाल ने जिस तरह स्थित को संभाला, उनकी जमकर सराहना हुई थी। राजसमंद में भी श्रद्धालुओं से भरा ट्रोला खाई में गिरा, तो उसकी पहली सूचना शिखर अग्रवाल ने ही दी थी। जालौर में बाढ़ में फंसे लोगों को हैलीकॉप्टर बुलाकर बचाने का इनिशिएटिव भी शिखर अग्रवाल ने ही किया था।
राजस्थान काडर में 30 साल से ज्यादा का अनुभव ले चुके शिखर अग्रवाल अपने शुरुआती दौर में उदयपुर, बीकानेर, जालौर, हनुमानगढ़ में जिला कलेक्टर रहे थे। 2009 से 2014 तक प्रतिनियुक्ति पर शिखर केन्द्र में भी रह चुके हैं।