पोलैंड। इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मॉलिक्यूलर मेकेनिज़्म्स एंड मशीन्स (IMOL) के विशेष बुलावे पर भारतीय राजदूत आईएफएस नगमा मोहम्मद मल्लिक ( IFS Nagma Mohamed Mallick ) विजिट पर पहुंचीं। इंस्टीट्यूट की निदेशक प्रोफेसर एग्निज़्का चासिंस्का के निमंत्रण पर 2020 में स्थापित इस शोध संस्थान को जाना-समझा।पोलैंड से मिली जानकारी के मुताबिक यह इंस्टीट्यूट एकेडमी ऑफ साइंसेज़ (PAS) का नया शोध संस्थान है।
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इस विजिट के दौरान नगमा को इंस्टिट्यूट में जैविक, रसायन, चिकित्सा, जैव प्रौद्योगिकी, जैव सूचना विज्ञान, जैव भौतिकी, औषधीय तथा संबंधित विज्ञान के क्षेत्र में किये जा रहे रिसर्च की जानकारी साझा की गई। नगमा को इंस्टीट्यूट में रिसर्च के तौर-तरीके, मशीनें और वैज्ञानिक उपकरणों की जानकारी भी साझा की गई।
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इस अवसर पर नगमा ने इंस्टिट्यूट के निदेशक, उप निदेशकों व अन्य अधिकारियों से एक साथ मुलाकात कर आण्विक और सेलुलर जीव विज्ञान के क्षेत्र में IMOL और शीर्ष भारतीय अनुसंधान संस्थानों और विश्वविद्यालयों के बीच संस्थागत संबंधों को बढ़ाने को लेकर चर्चा की। यहां अध्यनरत 9 भारतीय छात्रों से भी नगमा ने मुलाकात की। आईएफएस नगमा मल्लिक को जानकारी दी गई कि यहां की शोध टीम में करीब 15 फीसदी भारतीय शामिल हैं और इंस्टीट्यूट में विश्वभर के शोध संस्थानों से रिसर्च करने रिसर्चर्स आते हैं।
कौन हैं IFS Nagma Mohamed Mallick ?
नगमा मल्लिक 1991 बैच की भारतीय विदेश सेवा अधिकारी हैं। इंग्लिश लिटरेचर से बैचलर डिग्री करने के बाद सोशियोलॉजी में उन्होंने एम.ए. की डिग्री ली। स्नातकोत्तर की डिग्री के बाद सिविल सेवाओं की तैयारी की और भारतीय विदेश सेवा में चयनित हुईं। नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड, ट्यूनीशिया, ब्रुनेई, पेरिस और पॉलैंड कई देशों में सेवाएं दे चुकी हैं। नगमा विदेश मंत्रालय में बतौर डिप्टी स्पोक्सपर्सन भी सेवाएं दे चुकी हैं।