लखनऊ। भारतीय पुलिस सेवा में उत्तर प्रदेश के सबसे काबिल अधिकारियों में से एक और 1989 बैच के IPS Ashish Gupta सेवानिवृत्त हो गए हैं। आईपीएस आशीष गुप्ता ने फरवरी में VRS के लिए आवेदन किया था, जिसे हाल ही स्वीकार करने के बाद गुप्ता ने सेवाओं से अलविदा कह दिया। उनकी विदाई के अवसर पर पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने प्रतीक चिन्ह भेंट किया।
आईपीएस आशीष गुप्ता का वीआरएस लेना और सेवाओं को अलविदा कहना बेहद चर्चा में रहा है। क्योंकि आईपीएस आशीष गुप्ता खुफिया मामलों के बडे विशेषज्ञ माने जाते हैं। वह राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड (नैटग्रिड) के सीईओ भी रहे। देश के लिए आतंकवाद विरोधी खुफिया जानकारियां जुटाना उनकी विशेषज्ञता रही। लेकिन माना जाता है कि उत्तर प्रदेश काडर में सबसे वरिष्ठ आईपीएस होने के बावजूद उन्हें महत्त्वपूर्ण पदों से वंचित रखा गया। उत्तर प्रदेश में हाल ही डीजीपी नियुक्ति विवाद भी रहा, जिसमें 1991 बैच के आईपीएस राजीव कृष्ण को डीजीपी बनाया गया था। इस दौरान समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी प्रतिकिया देते हुए कहा था कि वरिष्ठ अधिकारियों को उनके जूनिसर्य के ऊपर प्राथमिकता न देकर उनका मनोबल तोड़ा जा रहा है, जिसके कारण आईपीएस आशीष गुप्ता वीआरएस ले रहे हैं।
आईपीएस आशीष गुप्ता एक कुशल प्रशासक और तनकीक पर खास पकड़ रखने वाले आईपीएस अधिकारियों में गिने जाते रहे हैं। उन्होंने नैटग्रिड़ में रहते आतंकवाद विरोधी खुफिया तंत्र को खास मजबूती प्रदान की थी। मूलत: लखनऊ के ही रहने वाले आशीष गुप्ता 2023 से डीजी रूल्स एण्ड मैनुअल्स के पद पर सेवाएं दे रहे थे। समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान उन्होंने आईजी एसटीफ और आईजी रेलवे के पदों पर भी सेवाएं दी थी। आईआईटी कानपुर से कंप्यूटर सांइस और आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए करके पुलिस सेवाओं में जुड़े आशीष गुप्ता के विदाई कार्यक्रम में पुलिस अधिकारियों के साथ डीजीपी मौजूद रहे और उन्होंने आईपीएस आशीष गुप्ता के कामकाज की भरपूर सराहना की।