भाजपा सरकार बनते ही नेता तैश खाने लगे हैं। विधायक अधिकारियों को धमकाने पर उतर आए हैं। ताजा मामले में युवा आरएएस अधिकारी Neha Chhipa को विधायक द्वारा धमकाने का मामला सरकार के लिए आफत बन सकता है। जहां भाजपा सबको साथ लेकर चलते हुए सुशासन का मैसेज देना चाह रही है, वहीं नेता द्वारा अधिकारी को धमकाने का मामला इस ब्रांड बिल्डिंग को धक्का पहुंचाने वाला है।
भीलवाड़ा के शाहपुरा में भाजपा विधायक लालाराम बैरवा (MLA Lalaram Bairwa) ने भरी सभा में 2018 बैच की RAS और बनेड़ा SDM Neha Chhipa को बेइज्जत करते हुए धमकाया। इस मामले में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ट्विटर पर विधायक का वीडियो पोस्ट करते ही हंगामा मच गया। मामला तूल पकड़ा और चौतरफा विधायक के इस धमकाने को लेकर चर्चे शुरू हो गए। वीडियो में साफ तौर पर विधायक का यह कहना कि मैं फिर कह रहा हूं नई नई नौकरी है। कलेक्टर साहब से बात करूं क्या? आपको पता है आप किससे बहस कर रहे हैं। बहस मत करिए। आपसे जब अतिक्रमण किया था, तब पूछा गया था क्या? 90बी की रसीद कटी हुई है क्या?
विधायक द्वारा एसडीएम नेहा छीपा को धमकाने के इस वीडियो के बाद RAS Association ने भी नाराजगी जताई है। आरएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष गौरव बजाड़ ने मुख्यमंत्री भजनलाल को पत्र लिखकर मामले में उचित दिशा-निर्देश प्रदान करने का आग्रह किया है। अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री मामले को कैसे हैंडल करने वाले हैं। क्योंकि विधायक के इस अंदाज की चौतरफा बुराईयां भीलवाड़ा से मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच रही हैं।
कौन हैं RAS Neha Chhipa ?
चित्तौडग़ढ़ के बेगू की रहने वाली RAS Neha Chhipa का 2018 बैच में आरएएस में चयन हुआ था। नेहा शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल रही हैं। आरएएस में उन्होंने बैच में 48वीं रैंक हासिल की थी। बीएएसी करके प्रथम प्रयास में आरएएस बनी नेहा छीपा दसवीं में 93 प्रतिशत और 12वीं में 80 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण हुई थीं। आरएएस बनीं, तो वह भी बिना कोचिंग के। नेहा की दो बहनें और एक भाई हैं। उनके पिता सुरेश कुमार ने बच्चों की पढ़ाई के लिए भीलवाड़ा में किराए का घर लिया और बच्चों को पढ़ाया।
नौकरी में आने के बाद भी आरएएस नेहा छीपा ने ईमानदार अधिकारी के तौर पर अच्छी छवि बनाई। कई बार मुश्किलें आई लेकिन न टूटी न बिखरी। नेहा ने भीलवाड़ा के माण्डलगढ़ में बजरी माफिया के खिलाफ भी मोर्चा खोला था जिसको लेकर चर्चा में रह चुकी हैं।
माण्डलगढ़ में प्रशिक्षु अधिकारी के तौर पर नेहा तैनात थीं, तब उनकी बीगोद एसएचओ ठाकराराम साऊ से तकरार हो गई थी। नेहा तत्कालीन राजस्व मंत्री रामलाल जाट से मीटिंग करके रात करीब साढ़े आठ बजे मांडलगढ़ लौट रही थीं और उन्हें अवैध बजरी ले जा रहा डम्पर मिला। नेहा ने उसका पीछा भी किया, लेकिन नाकाबंदी के बावजूद डम्पर गायब हो गया। इधर एसएचओ मुकर गए कि नाकाबंदी पर कोई डम्बर आया था। एसएचओ के इस मिजाज को देखकर नेहा थाने के अंदर पहुंच कर वीडियो बनाने लगी और रोजनामचा तथा अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लेने लगी। एसएचओ ने नेहा का फोन बंद करवा दिया और इस पर भडक़ गए और दोनों में तीखी बहसबाजी हुई। इसके बाद एसएचओ को भीलवाड़ा एसपी आदर्श सिद्धू ने लाइन हाजिर कर दिया था।