कहावत है न कि बेटियां भाग्य वालों को मिलती हैं और बेटी अपनी किस्मत खुद लिखाकर लाती है। बेटियों से ही तो घर, घर बनता है। असल में बेटियां तो हमारे घरों की रौनक होती हैं। जिम्मेदार और समझदार होती हैं। मेहनत में सबसे आगे, लेकिन क्रेडिट लेने में सबसे पीछे होती हैं। बेटी के लिए घर कोई सा भी हो, पिता का या पति का, वह दोनों परिवारों का आधार होती है। एक पिता की नजर से बेटियों की कामयाबी, सपने, जीतने की जद्दोजहद और हर जीत बेहद मायने रखती है।
ब्यूरोक्रेट्स की मुश्किल और व्यस्त कामकाजी जिंदगी में बच्चों के लिए समय निकालना एक बड़ी टास्क है। फिर माता-पिता दोनों ब्यूरोक्रेट्स हों और बेटियों की जिम्मेदारी भी हो, तो यह और कठिन हो जाता है। लेकिन कामकाजी जिम्मेदारियों को निभाते हुए, बच्चों की जिम्मेदारियां, उनकी भावनाएं, उनकी संभावनाएं और जीवन की राह में हर पल का साथ बहुत मायने रखता है। ऐसे माता-पिता भरपूर श्रेय के हकदार हैं, जो तमाम व्यस्तताओं के बीच बच्चों के लिए पर्याप्त समय भी निकालते हैं, उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और कामयाबी की सीढिय़ां चढऩे के सफर में साथ होते हैं। ऐसे ही एक पिता का हर संदेश मायने रखता है। भारतीय पुलिस सेवा के 1991 बैच के आईपीएस ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह (जीपी सिंह) ने हाल ही बेटी पढ़ाओ को संदेश दिया, तो न केवल जीपी सिंह और उनकी पूर्व आईएसस पत्नी अनामिका सिंह ने देशभर का ध्यान खींचा, बल्कि उनकी दोनों काबिल बेटियों आईपीएस ऐश्वर्या सिंह और राज्य सभा सचिवालय में सेवाएं दे रहीं अराधिता सिंह की भी भरपूर तारीफें हो रही हैं।
कौन हैं IPS Gyanendra Pratap Singh?
असम के पुलिस महानिदेशक और 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह (IPS GP Singh) देश की पुलिस सेवाओं में खास पहचान रखते हैं। मूलत: अलीगढ़, उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। उनकी स्कूल और कॉलेज की शिक्षा लखनऊ से हुई। यही लखनऊ में उन्होंने अपनी बी.एससी. और एम.एससी. की डिग्री लेकिन प्रशासनिक सेवाओं का रुख किया। 1991 बैच में आईपीएस बने और 1992 में बतौर प्रशिक्षु आईपीएस जॉइन किया और एसीपी सोनितपुर के पद पर पहली बार सेवाएं दी। एसडीपीओ रांगिया और एएसपी नलबारी के बाद गुवाहाटी में पहली बार पुलिस अधीक्षक बने। 2002 में एसपीजी की सेवाओं से खास पहचान बनी। 2013 से 2019 तक नेशनल इन्वेंस्टिगेशन एजेंसी (NIA) में बतौर आईजी सेवाएं दी। असम एंटीकरप्शन ब्यूरो (ACB) में 2020-जनवरी 2023 तक बतौर निदेशक लीक से हटकर पहचान कायम की। फरवरी 2023 में असम में बतौर पुलिस महानिदेशक जॉइन किया।
आज देश की पुलिस सेवाओं के सबसे काबिल, तेज तर्रार और मेहनती अधिकारियों में आईपीएस ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह (IPS Gyanendra Pratap Singh) पहचान रखते हैं। क्रिकेट के शौकीन आईपीएस जीपी सिंह कई बार क्रिकेट मैच खेलते देखे जाते रहे हैं। आईपीएस सिंह वही डीजीपी हैं, जिन्होंने असम पुलिसकमियों को तीन महीने में वजन घटाने के निर्देश दिए थे और नहीं घटाए जाने पर नौकरी को अलविदा करने का अल्टीमेटम दिया था। डीजीपी बनने के बाद उल्फा के खिलाफ मोर्चा खोलने, एनकाउंटर्स पर उल्फा की ओर से मिली धमकियों से घबराने की बजाय, डीजीपी सिंह ने मजबूत स्टैंड बनाए रखा और कार्रवाई जारी रखी। आईपीएस जीपी सिंह की पत्नी अनामिका सिंह असम काडर की पूर्व आईएएस हैं। उन्होंने बॉटनी में पीएच.डी. की है और अपनी सेवाओं से काडर में खास पहचान बनाई है। 1996 से 2006 तक असम काडर में सेवाओं के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर पर पहुंचीं, लेकिन दोनों बेटियों की पढ़ाई और भविष्य के मद्देनजर नौकरी छोड़ी और बेटियों को आगे बढ़ाया।
बड़ी बेटी Aishwarya Singh IPS
अपनी स्कूलिंग असम मदर्स इंटरनेशनल स्कूल से करने वाली ऐश्वर्या सिंह (IPS Aishwarya Singh) ने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से डिग्री लेकर सिविल सेवाओं को रुख किया। अपने पहले ही प्रयास में उन्होंने यूपीएससी 249वीं रैंक के साथ क्रैक किया और आईआरएस बनीं। दूसरे प्रयास में ऐश्वर्या इंटरव्यू तक पहुंची। आईआरएस के जरिए सहायक आयुक्त के तौर पर जॉइन किया और राष्ट्रीय सीमा शुल्क प्रत्यक्ष कर और नार्कोटिक्स अकादमी फरीदाबाद से प्रशिक्षण लेने के दौरान 2021 में यूपीएससी रिजल्ट आया, तो अनामिका की 97वीं रैंक आई और उन्होंने असम काडर में भारतीय पुलिस सेवा जॉइन की। यह उनका तीसरा प्रयास था। फिलहाल दिल्ली में एसीपी लाजपत नगर के पद पर ऐश्वर्या सिंह सेवाएं दे रही हैं।
छोटी बेटी राज्यसभा सचिवालय में सीनियर पीएस
बड़ी बहन की तरह असम से स्कूली शिक्षा और दिल्ली के हिंदू कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री लेने के बाद जीपी सिंह की छोटी बेटी अराधिता सिंह ने राज्यसभा सचिवालय जॉइन किया। फिलहाल अराधिता सिंह राज्यसभा अध्यक्ष और उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ के कार्यालय यानी राज्यसभा सचिवालय में बतौर सीनियर पीएस सेवाएं दे रही हैं।
– डॉ. पुष्पा कुमारी (लेखक राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद में उप निदेशक पद पर कार्यरत हैं)