देश के आर्थिक विकास में करों का उचित संग्रहण पूरी अर्थव्यवस्था को गति प्रदान कर रहा है। कुछ साल पहले तक जहां वस्तुओं एवं सेवाओं की बिक्री पर कर चोरी बड़े पैमाने पर होती थी, वहीं अब GST के जरिए विकसित हुई प्रणाली देश के आर्थिक विकास की रीढ़ बनती जा रही है।
वित्त मंत्रालय की ओर से आज शाम जारी एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार हम 12 फीसदी की मजबूत वृद्धि के साथ लाखों करोड़ का GST संग्रहण हर वर्ष करने लगे हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक अप्रेल से दिसंबर 2023 यानी कुल नौ महीनों में 14.97 लाख करोड़ का जीएसटी संग्रहण हुआ है। जबकि बीते वर्ष ठीक इसी कालावधि में यह राशि 13.40 लाख करोड़ के आंकड़े को छू पाई थी।
हर महीने औसतन 1.66 लाख करोड़ जीएसटी संग्रहण
वित्त मंत्रालय के अनुसार देश में हर महीने औसतन 1.66 लाख करोड़ रुपए का सकल जीएसटी संग्रहण करने में कामयाब हो रहे हैं। बीते वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 1.49 लाख करोड़ को छूने वाला रहा था। इस संबंध में वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि दिसंबर 2023 में एकत्रित सकल जीएसटी राजस्व 1,64,882 करोड़ रहा है, जिसमें से सीजीएसटी 30,443 करोड़, एसजीएसटी 37,935 करोड़, आईजीएसटी 84,255 करोड़ है। इस समस्त संग्रहण में माल के आयात पर एकत्र जीएसटी 41,534 करोड़ शामिल है। इसमें उपकर के 12,249 करोड़, माल के आयात पर एकत्रित 1079 करोड़ भी शामिल हैं। दिलचस्प बात यह भी है कि इस वित्त वर्ष का यह सातवां महीना है जिसमें जीएसटी संग्रहण 1.60 लाख करोड़ से अधिक का जीएसटी संग्रहण हुआ है।
लगातार बढ़ रहा जीएसटी संग्रहण
जीएसटी संग्रहण को लेकर दिसंबर 2023 में जो वृद्धि दर्ज की गई है, वह इसी दिसंबर 2022 की तुलना में 10.3 फीसदी अधिक रही है। दिसंबर महीने के दौरान घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात सहित) से राजस्व बीते वर्ष दिसम्बर महीने के दौरान इन स्रोतों से प्राप्त राजस्व से 13 फीसदी अधिक है। वित्त मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने आईजीएसटी से सीजीएसटी को 40,057 करोड़ और एसजीएसटी को 33,652 करोड़ का निपटान किया है। नियमित निपटान के बाद दिसंबर 2023 में केन्द्र और राजस्व सीजीएसटी के लिए 70,501 करोड़ और एसजीएसटी के लिए 71,587 करोड़ है।
लक्ष्द्वीप ने दिसंबर में बाजी मारी, 310 फीसदी ग्रोथ
देशभर के ताजा आंकड़ों में दिसंबर 2022 की तुलना में दिसंबर 2023 के महीने में लक्ष्द्वीप ने बाजी मारी है। जीएसटी संग्रहण में ग्रोथ को वित्त मंत्रालय ने दर्ज किया है जिसमें लक्ष्द्वीप ने बीते वर्ष दिसंबर की तुलना में इस दिसंबर में 310 फीसदी ग्रोथ ली है। लद्दाख ने इसी श्रेणी में 127 प्रतिशत की ग्रोथ, अरुणाचल प्रदेश ने 44 फीसदी, केन्द्रीय ज्यूरीडिक्शन में 36 फीसदी, अंडमान निकोबार ने 35 फीसदी, जम्मू कश्मीर ने 30 फीसदी ग्रोथ, चंडीगढ़ ने 29 फीसदी, हरियाणा ने 22 फीसदी, पुद्दुचेरी ने 21 फीसदी और गोव ने 20 फीसदी ग्रोथ दर्ज की है।