देश के सबसे जुनूनी, साहसी और जोशीले मोटरबाइक अभियान साहस ने 25वें वर्ष में प्रवेश कर लिया है। वर्ष 2000 में साहस संस्था के तत्वावधान में इस रोमांचक मोटरबाइक अभियान की शुरुआत हुई थी। शुरुआती दौर में इसका उद्देश्य कारगिल युद्ध में शहीद हुए योद्धाओं को श्रद्धांजली देना और भारतीय सेना के प्रति सम्मान प्रदर्शित करना था।

अपने उद्देश्यों, जोश, जुनून और जज्बे के साथ अभियान साल दर साल, कड़ी दर कड़ी बढ़ता और जुड़ता चला गया। अपनी शुरुआत के पहले अभियान में साहस की टीम लद्दाख के लेह जिले में संसार की सबसे ऊंची मोटरेबल रोड के सबसे ऊंचे पॉइंट खारदुंगला पहुंचना और सम्मान प्रदर्शन करना था। खारदुुंगला पॉइंट समुद्रतल से 18380 फीट की ऊंचाई पर स्थित था और मौसम, हालात समेत तमाम संघर्षों के साथ 25 साल पहले साहस की टीम वहां पहुंची। साहस के सैंड टू स्नो एक्सीपीडिशन का नामकरण अरुण गहलोत ने, फोटोग्राफी 18 वर्षीय जयसिंह ने और रूट मैप तथा लॉजिस्टिक्स की जिम्मेदारी साहस संस्था के संस्थापक सचिव अनिल गौतम ने संभाली थी।

अब 25 साल बाद साहस की टीम जयपुर में इस साहसिक और अनोखे एक्सीपीडिशन की स्मृति में एकत्रित हुई और सेलिबे्रट किया। इस अवसर पर राजस्थान रोडवेज के पूर्व ईडी, तकनीकी वीरेन्द्र दुल्लर ने शिरकत की जो स्वयं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एथलीट और Mountain Tracker हैं। इस अवसर पर साहस की टीम के साथ के.एस. मोटर्स के निदेशक अरुण गहलोत ने कार्यक्रम को होस्ट किया। इस अवसर पर साहस के संस्थापक सचिव अनिल गौतम ने Officers Times से बात करते हुए पुरानी यादें ताजा की और अपने जोशीले अंदाज में साहस की टीम से जुडे रहे हर साहसी, जांबाज और सहयोगी का शुक्रिया अदा किया।