जयपुर। सचिवालय के गलियारों से लेकर भाजपा के मुख्यालय तक बीते सप्ताहभर से हलचल तेज हैं। मंगलवार को मुख्यमंत्री के तौर पर भजनलाल शर्मा का नाम आने के बाद न केवल भाजपा नेताओं की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई, बल्कि ब्यूरोक्रेसी में पोस्टिंग के लिए बिठाए जा रहे समीकरणों को भी बड़ा धक्का लगा।
भाजपा का बहुमत आने के बाद से ब्यूरोक्रेसी में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से अधिकारियों की निकटता, प्रभावना, समीकरण, रिश्ते और पुराने व्यवहार नया ढांचा बनाने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन भजनलाल शर्मा के मुख्यमंत्री की घोषणा ने सभी समीकरणों को किनारे कर दिया है। फिलहाल आईएएस और आईपीएस अधिकारियों में खलबली के बीच संघ से संबंध और संपर्क काम आ रहे हैं। माना जा रहा है कि कुछ नाम दिल्ली से भी मिलेंगे, तो कुछ पर वर्किंग यहां कर ली गई है।
इधर बुधवार रात पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेहद करीब रहे एक वरिष्ठ आईएएस भी भजनलाल से पर्सनल मीटिंग कर आए हैं। आईएएस को डर था कि भारी कोल्ड पोस्टिंग मिलेगी, लेकिन एक रिश्ता काम आया। रिश्ते की डोर भी दोनों तरफ बराबर मजबूती से बंधी थी। चुनावों में इसी डोर ने भजनलाल को टिकट घोषणा के बाद मजबूती से उस समय थामा था, जब भजनलाल सांगानेर को समझने में कंफ्यूज हो रहे थे। भजनलाल शर्मा के लिए मजबूत कंधा बनकर खड़े रहे इस सोर्स से निश्चित ही वरिष्ठ आईएएस को लाभ होगा, क्योंकि सोर्स की बात भजनलाल टाल नहीं पाएंगे। ऐसे में मध्यरात्री के बाद से आईएएस भी निश्चिंत हैं कि पुरानी सरकार की करीबीयत उतना नुकसान नहीं देगी, जितने की उम्मीद वह लगाए हुए थे।
– प्रवीण जाखड़