तीन दिवसीय टूर में चिकन नेक या नार्थ ईस्ट का प्रवेशद्वार कहलाने वाले इस खुशहाल प्रदेश सिक्किम को समझने का सुअवसर मिला। यहां विशेषकर राजधानी गंगतोक,भारत-चीन का बॉर्डर नाथूला, बाबा मंदिर के रूप में प्रसिद्ध हरभजन सिंह मंदिर, छंगू झील व कई अन्य झील को करीब से देखने का अवसर मिला जो वृतांत योग्य है। असल में सिक्किम प्रदेश से पूरे भारत के लिए व अन्य प्रदेशों के लोगों को सीखने और अनुभव करने के पर्याप्त कारण है।
¤ सिक्किम के लोग खुशहाल रहना पसंद करते है। इसका कारण इनकी सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक व प्रशासनिक ढांचे का सकारात्मक व सरल होना है।
¤ यहां ट्रैफिक का बेहद दबाव है पर लोग अनुशासित हैं। जिस प्रकार उत्तर भारत के पहाड़ी केंद्र शासित प्रदेश व अन्य प्रदेशों विशेषकर जम्मू-कश्मीर,उत्तराखण्ड व हिमाचल प्रदेश में टै्रफिक से बुरा हाल है। वहीं सिक्किम में ट्रैफिक का दबाव होने के बावजूद अनुशासन में चलने वाले लोग व पुलिस की सक्रियता से ट्रैफिक सहज रहता है।
¤ पॉल्यूशन इंडेक्स में सिक्किम का कोई जवाब नहीं है। पैरामीटर में 50 के नीचे का आंकड़ा, हर वक्त मिलेगा जो बेहतरीन इंडेक्स को व्यक्त करता है।
¤ ट्रैफिक में हॉर्न बहुत कम सुनने को मिलेगा। बाक़ी प्रदेश के लोगों की तरह ‘पौं-पौं’ करने वाले नहीं मिलेंगे। वाहन अपने लेन में रहते है। टाइम लगे फिर भी लोग लेन क्रॉस नहीं करते इस वजह से ट्रैफिक जाम नहीं मिलता। ट्रैफिक पुलिस को लोगों का सकारात्मक सहयोग रहता है।
¤ सिक्किम शांत व खुशहाल है। चर्चा में कम रहता है। आर्मी और अन्य राष्ट्रीय विभागों का पब्लिक से बेहतर समन्वय देखने को मिलता है।
¤ बायो डाइवर्सिटी व आर्गेनिक फूड का प्रचलन काबिले तारीफ है। यहां के फल, अनाज,दूध और अन्य प्रोडक्ट में शुद्धता का मापदंड उच्च स्तर का मिलता है।
¤ अधिकांश घरेलू व व्यावसायिक कार्य महिलायें व बच्चियां संभालती हैं। वो भी ख़ुशी-ख़ुशी और आनंद में रहते हुए। यहां के श्वान (डॉग्स) भी यॉक की तरह दिखते हैं। सामान वाजिब दाम में मिल जाता है।
¤ बच्चे खेलकूद व आउटडोर में अपना समय ज़्यादा व्यतीत करते हैं। फुटबाल यहां का प्रिय खेल है। बच्चों को मोबाइल पर कम देखा। प्राय: बच्चे संस्कारी और अनुशासित ही दिखे।
¤ यहां की फिजा में एक सुकूं है। आनंद और सुरक्षा का आभास है। आवरागर्दी और बदमाशी ना के बराबर है। हैप्पी इंडेक्स उच्च स्तर का है जो देश-विदेश के कई शोधकर्ताओं के लिए शोध का विषय हो सकता है ।
¤ सिक्किम की प्राकृतिक संपदा, बॉर्डर का इलाका, पहाड़, झील, झरने, वनस्पति व आमजन का आपस में भाईचारा बेहतर है। पूजा स्थलों का नाम अधिकांश जगह सर्व धर्म स्थल के रूप में प्राय: मिल जाएगा।
¤ सिक्किम नार्थ ईस्ट के प्रदेशों में सिरमौर और देश के लिए एक मिसाल है जिससे सीखने को बहुत कुछ है। भारत को तीन बार पूरी तरह यात्रा के ज़रिए देख चुका हूं सिर्फ़ सिक्किम ही एक मात्र प्रदेश अभी तक छूटा रहा पर ये यात्रा बहुत कुछ सबक़ दे गई।
जयहिन्द…
(आईपीएस पंकज चौधरी, राजस्थान काडर में कम्यूनिटी पुलिसिंग के कप्तान हैं। 2009 बैच के अधिकारी हैं। सिक्किम के गंगटोक में आयोजित ईएससीआई हैदराबाद की तीन दिवसीय सेमिनार में शामिल होने हाल ही यहां पहुंचे। आईपीएस पंकज चौधरी ने ऑफिसर्स टाइम्स के पाठकों के साथ सिक्किम के अपने अनुभवों को यात्रा वृतांत के तौर पर शेयर किया है।)