श्रीनगर/नई दिल्ली। भारतीय पुलिस सेवा की युवा अधिकारी और AGMUT काडर में अपने कामकाज से विशेष पहचान बना रही आईपीएस बिस्मा काजी ( IPS Bisma Qazi ) के काम को एक बार फिर सराहा गया है। नव वर्ष के मौके पर आईपीएस काजी बिस्मा को दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ( CP Delhi IPS Sanjay Arora ) की ओर से भेजा गया प्रशंसा पत्र मिला है, जिसमें सीपी दिल्ली ने काजी बिस्मा की दिल्ली में सेवाओं की प्रशंसा की है।
इस प्रशंसा पत्र के में दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने आईपीएस बिस्मा के दिल्ली पुजिस में एडिशनल डीसीपी-रोहिणी, डीसीपी -लाइसेंसिंग और 8वीं बटालियन में दी उम्दा सेवाओं की तारीफ की है। बीते 2 वर्षों तक दिल्ली पुलिस में रहकर जिस ऊर्जा और उत्साह के साथ आईपीएसकाजी बिस्मा ने कामकाज संभाला दिल्ली पुलिस कमिशनर संजय अरोड़ा ने उसे एप्रिशिएट किया है।
कौन हैं IPS Qazi Bisma
श्रीनगर की एसपी काजी बिस्मा 2017 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। आतंकवाद से जुझते जम्मू-कश्मीर से भारतीय पुलिस सेवा में चयन के बाद सुखिर्याें में आई काजी बिस्मा ने आईपीएस अकादमी, हैदराबाद से प्रशिक्षक के बाद 25 सितंबर, 2020 को बतौर एसीपी सुभाष पैलेस, नई दिल्ली जॉइन किया। दिल्ली पुलिस में आईपीएस काजी बिस्मा ने बतौर एसीपी नेताजी सुभाष पैसेल में अपनी सेवाओं से विशेष पहचान बनाई। केस सुलझाने के लिए खुद जूझना, दिल्ली की सड़कों पर बदमाशों के पीछे दौड़ते, पकड़ते लेडी सिंघम के तौर पर काजी बिस्मा ने सबका ध्यान खींचा। एडिशनल डीसीपी – रोहिणी और लाइसेंसिंग शाखा में भी काजी बिस्मा अपने कामकाज से दिल्ली पुलिस में चर्चा में रहीं। श्रीनगर के किसान परिवार से निकल कर आईपीएस अधिकारी के तौर पर अपना रुतबा बढ़ा रही काजी बिस्मा श्रीनगर में पुलिस अधीक्षक के तौर पर भी विशेष पहचान बना रही हैं। एक के बाद एक सफल ऑपरेशन्स उनके कद, पद के साथ जनता से जुड़ाव को बढ़ा रहे हैं। सफल पुलिसिंग और श्रेष्ठ कामकाज आईपीएस काजी बिस्मा की पहचान है।
संघर्षों से लिखी सफलता की इबादत
IPS Qazi Bisma के पिता दुकान चलाते थे और मां ने बच्चों की पढ़ाई के लिए अपने गहने भी बेच दिए। बिस्मा स्कूल के दिनों से ही पढ़ाई में तेज थी। उन्होंने जम्मू-कश्मीर विश्वविद्यालय से 2014 में इंजीनियरिंग की और गोल्ड मैडल हासिल किया। यही से सिविल सेवाओं की तैयारी शुरू की और चयनित होकर जम्मू-कश्मीर का नाम रौशन किया। भारतीय पुलिस सेवा में चयन के उपरांत बिस्मा और आईएएस शहजाद आलम ( IAS Shahzad Alam ) विवाह बंधन में बंधे। दोनों ही अधिकारी देश की एसेट के तौर पर अपनी उम्दा सेवाओं से आम जनता को लाभांवित करने और श्रेष्ठ सेवाओं के लिए पहचाने जाते हैं।