युवा उपन्यासकार और भारतीय सूचना सेवा के अधिकारी मुरारी गुप्ता अपने पहले उपन्यास ‘सुगंधा- एक सिने सुंदरी की त्रासद कथा’ के जरिए पाठकों को रोमांचित करने और गुदगुदाने में कामयाब होते नजर आते हैं। सिनेमा जगत को आधार बनाकर रचा उनका यह उपन्यास पाठकों के लिए बिलकुल ताजगी भरा है।
इस उपन्यास में वह सब कुछ है जो एक पाठक पढ़ना चाहता है। रोमांच, रोमांस, थ्रिलर, सस्पेंस। उपन्यास उन चीजों को भी बारीकी से छूता है जिस पर हमेशा सिनेमा जगत पर उंगलियां उठाई जाती रही हैं। दो अलग अलग पृष्ठभूमि के कलाकारों के बीच पनपने वाली प्रेम कहानी इस उपन्यास की आत्मा है। वैसे तो यह प्रेम कहानी ही इस उपन्यास की यूएसपी है, मगर प्रेम कहानी के इर्द-गिर्द कई तिलिस्मी संसार का खूबसूरत नजारा उपन्यास में नजर आता हैं।
सस्पेंस और थ्रिल पढ़ने वालों के लिए मुरारी गुप्ता का यह उपन्यास काफी दिलचस्प हो सकता है। अंडरवर्ल्ड और टेररिज्म का कॉकटेल और उनकी कहानियां पाठकों को बिलकुल नई दुनिया में ले जाती हैं। उपन्यास का सूत्रधार एक पत्रकार आशीष पटनायक हैं। उसके हाथ में आई लोकप्रिय अभिनेत्री सुगंधा की डायरी के जरिए यह कहानी आगे बढ़ती है। सूत्रधार के जरिये कहानी आगे बढ़ती है, लिहाजा भाषा, लहजा और व्याकरण भी वही है जो आम बोलचाल में होता है।
उपन्यास की कहानी में भरपूर स्पीड है। पहाड़ और खाइयों सरीखें उतार-चढ़ाव है। ये उतार चढ़ाव ही उपन्यास को रोचक बनाते हैं। थोड़ी सी बात कहानी की। उपन्यास की शुरुआत हिमाचल के छोटे से कस्बे छैलापुर से होती है। छैलापुर में मशहूर अभिनेत्री सुगंधा सुंदरम की मौत की खबर आती है। उसके बाद सूत्रधार कहानी को आगे बढ़ाता है। कहानी खाड़ी मुल्कों को पार करती हुई अमरीका तक पहुंचती है। उपन्यास की कहानी मशहूर फिल्म अभिनेत्री सुगंधा सुंदरम की है। दक्षिण से मुंबई आकर फिल्मी दुनिया पर राज करने से लेकर उसके अंडरवर्ल्ड और चरमपंथी गुटों से संबंध और अमरीका में संदिग्ध मौत के इर्द-गिर्द यह कहानी गढ़ी गई है। बहरहाल, पाठकों को याद होगा कि हिंदी सिनेमा की कई अभिनेत्रियां की मौत संदेहास्पद हालातों में हुई थीं। और उन मौतों पर मीडिया में बहुत ज्यादा नहीं लिखा गया। मुरारी गुप्ता ने इन अनछुए विषयों को अपने उपन्यास में दिलचस्प ढंग से कहानी में पिरोया है।
कुल मिलाकर मुरारी गुप्ता का यह उपन्यास हिंदी जगत के सभी वर्गों के पाठकों के लिए दिलचस्प और पठनीय है।
पुस्तकः सुगंधा- एक सिने सुंदरी की त्रासद कथा (उपन्यास)
लेखकः मुरारी गुप्ता
प्रकाशनः शिवना प्रकाशन, सीहोर, मध्यप्रदेश
मूल्य: 350 रुपए
– रेवंत दान