लखनऊ। भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और चर्चित कवि आईपीएस एस.एन. साबत (IPS SN Sabat) को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने सम्मानित किया है। लखनऊ में ही आयोजित एक पुरस्कार वितरण समारोह में आईपीएस सत्य नारायण साबत को यह सम्मान सौंपते समय राज्यपाल के साथ मुख्य सचिव डी.एस. मिश्रा भी मौजूद रहे।
कौन हैं IPS SN Sabat?
आईपीएस सत्य नारायण साबत (IPS Satya Narayan Sabat) 1990 बैच के अधिकारी हैं और उत्तर प्रदेश के तेज-तर्रार अधिकारियों में पहचाने जाते हैं। योगी सरकार के भरोसेमंद अधिकारियों की फेहरिस्त में शामिल हैं। इसी के चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आईपीएस साबत को तब महानिदेशक जेल का जिम्मा सौंपा जब यहां की जेलों में मुख्तार अंसारी, अशरफ, विजय मिश्रा, सुंदर भाटी, दिलीप मिश्रा जैसे तमाम खूंखार अपराधी जेलों में कैद थे। इन सभी खूंखार अपराधियों ने जेल प्रशासन की नींदे उड़ा रखी थी, लेकिन आईपीएस एन.एन. साबत ने ऐसी नकेल कसी, जिसकी उम्मीद योगी आदित्यनाथ कर रहे थे।
आईपीएस एस.एन. साबत अच्छे कवि भी हैं और उम्दा इंसान भी कहे जाते हैं। उन्होंने मटेरियल साइंस में पीजी और एचआर मैनेजमेंट में एमबीए की डिग्री ली हैं। भारतीय पुलिस सेवाओं में आईपीएस साबत ने एएसपी वाराणासी से अपना करियर शुरू किया था। बाद में वह जालौन, मिर्जापुर और वाराणासी में बतौर एसपी भी सेवाएं देने गए। मिर्जापुर, कानपुर और बनारस के पुलि उप-महानिरीक्षक के तौर पर सेवाएं दी ओर केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल और रेलवे में पुलिस महानिरीक्षक के पद पर भी अनुभव लिया। करीब 34 सालों का पुलिस महकमे में लंबा अनुभव ले चुके हैं। एस.एन. साबत जब डीजी जेल बने थे, तो जेल विभाग के 102वें मुखिया के तौर पर पहचाने गए।
मिल चुका राष्ट्रपति सम्मान
आईपीएस एस. एन. साबत (IPS SN Sabat) अपने 34 वर्षों के कार्यकाल में कई बार सम्मानित हुए, लेकिन 2006 और 2014 में उन्हें राष्ट्रपति द्वारा विशिष्ट सेवाओं के लिए पुलिस पद भी मिला है। आईपीएस साबत ने संयुक्त राष्ट्र संघ की शांति सेना में मानवाधिकार सेवा के लिए भी विशेष पहचान बनाई है। हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में विशेष पकड़ वाले साबत निर्विवाद चेहरा रहे हैं।